Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

SC ने ठुकराई सुभाष चंद्र बोस को ‘देश का बेटा’ घोषित करने की मांग वाली याचिका, बताई ये वजह

Published

on

Supreme Court

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को ‘देश का बेटा’ घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस अमर हैं और उनकी महानता दर्शाने के लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है।

‘देश का बेटा’ घोषित करने की मांग

दरअसल, कटक के निवासी पिनाक पानी मोहंती ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट इस बात की घोषणा करे कि ब्रिटिश शासन से आजादी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नेतृत्व वाली आजाद हिंद फौज ने दिलाई। साथ ही याचिका में कांग्रेस पर आरोप लगाया गया कि नेताजी के देश की आजादी में योगदान को कमतर किया गया।

साथ ही कांग्रेस ने नेताजी के गायब/मृत्यु से संबंधित फाइलों को गोपनीय रखा और सच्चाई नहीं बताई। याचिका में ये भी मांग की गई कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन 23 जनवीर को राष्ट्रीय दिवस घोषित किया जाए और नेताजी को ‘देश का बेटा’ भी घोषित किया जाए।

कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं

शुक्रवार को याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस के बारे में कौन नहीं जानता?

इस देश में सभी लोग उन्हें और उनके योगदान के बारे में जानते हैं। उनकी महानता बताने के लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है। उनके जैसे नेता अमर हैं।’ पीठ ने कहा वो महान लोग हैं और पूरा देश उनका सम्मान करता है। उनके जैसे नेता को कोर्ट से किसी पहचान की जरूरत नहीं है।

पहले भी दायर हुई थी एक ऐसी ही PIL

सुप्रीम कोर्ट में पहले भी एक ऐसी ही जनहित याचिका दायर हुई थी, जिसमें मांग की गई थी कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी पर सार्वजनिक छुट्टी का एलान किया जाए। साथ ही याचिका में मांग की गई थी कि नेताजी के सम्मान में दिल्ली और सभी राज्यों की राजधानियों में एक मेमोरियल हॉल और म्यूजियम का निर्माण कराया जाए।

इस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती मनाने का सबसे अच्छा तरीका उस दिन और ज्यादा मेहनत से काम करना होना चाहिए, जैसे कि देश की आजादी के लिए नेताजी ने खुद मेहनत की थी। कोर्ट ने कहा था कि इस संबंध में फैसला लेने का अधिकार कार्यपालिका का है।

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

Continue Reading

Trending