उत्तर प्रदेश
यूपी और नुईवो लियोन राज्य के बीच कायम होंगे मजबूत औद्योगिक रिश्ते : CM योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश और मैक्सिको के नुईवो लियोन राज्य के बीच पर्यटन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, फार्मा, एग्रीकल्चर और मेडिकल सेक्टर सहित अन्य सेक्टरों में निवेश को लेकर एमओयू हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नुईवो लियोन के गर्वनर सैमुअल गर्सिया सेफलवेदा की मौजूदगी में शनिवार को आईआईडीसी मनोज कुमार और नुईवो लियोन के मिनिस्टर ऑफ इकोनॉमिक्स इवान रिवास राडरिगेज ने एमओयू का हस्तांतरण किया।
इस दौरान अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैक्सिको के गर्वनर और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि यूपी और नुईवो लियोन के बीच आज मैत्री, विश्वास और सौहार्द से मजबूत औद्योगिक रिश्ते कायम हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश का अग्रणी राज्य है।
उत्तर प्रदेश निवेश का बेहतरीन गंतव्य बन चुका है
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि नुईवो लियोन के गर्वनर अपनी टीम के साथ उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के संभावनाएं तलाश रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री के दिशा निर्देश में उत्तर प्रदेश भी दुनिया के लिए निवेश का बेहतरीन गंतव्य बन चुका है।
उत्तर प्रदेश और नुईवो लियोन दोनों विकास को समर्पित हैं और हम इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हर मामले में समृद्ध प्रदेश है। यूपी भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। उत्तर प्रदेश ना केवल कृषि, बल्कि पर्यटन सेक्टर के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल है।
प्रदेश में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, एक्सप्रेस वे, बेहतरीन इंटरस्टेट कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविट, रेल नेटवर्क, इनलैंड वाटर वे के जरिए पूर्वी बंदरगाह तक पहुंच, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जंक्शन मौजूद है। यूपी आज लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट का हब बन चुका है। इसके अलावा औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए हम 25 सेक्टोरियल पॉलिसी लेकर आए हैं। आज उत्तर प्रदेश में निवेशकों को निवेश के लिए बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ काम करने को लेकर हम उत्साहित : गर्वनर सैमुअल
नुईवो लियोन के गवर्नर गर्सिया सेफलवेदा ने बताया कि मेरे लिये ये सौभाग्य की बात है कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट के सदस्यों से मिलकर आपसी व्यापारिक रिश्ते कायम कर रहा हूं। हम विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं। उत्तर प्रदेश और नुईवो लियोन एक दूसरे के बहुत करीब हैं।
हमारा प्रदेश मैक्सिको का औद्योगिक प्रदेश है, ऐसे ही भारत के उत्तर प्रदेश में आज बड़े पैमाने पर निवेश हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बेहद शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि भारत और मैक्सिको 14 हजार किलोमीटर दूर होकर भी एक दूसरे से दूर नहीं हैं।
जैसे उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है, ठीक वैसे ही हमारे राज्य नुईवो लियोन में भी हम कानून का शासन बनाए रखने में कामयाब हुए हैं। हम टीम यूपी को नुईवो लियोन में आमंत्रित करते हैं। हमें दोनों को पारस्परिक सहयोग से एक दूसरे के साथ ट्रेड को बढ़ाना है। मुझे विश्वास है कि आज के एमओयू के साथ ही हम दोनों विकास और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेंगे।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रदेश के मत्स्य मंत्री संजय निषाद, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी, नुईवो लियोन के डिप्टी सेक्रेटरी फॉर इन्वेस्टमेंट इमैनुअल लू, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद मुख्य रूप से मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश
योगी कैबिनेट ने दी नई स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी
लखनऊ। योगी सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत समूह क और ख के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिन्होंने जनपद में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। वहीं समूह ग और घ में सबसे पुराने अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा। समूह क और ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत तो वहीं समूह ग और घ के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा रखी गई है। इस स्थानांतरण नीति के तहत सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाने हैं। मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक कुल 42 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए लेनी होगी मंजूरी
कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों के विषय में जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में पिछले वर्ष की नीति के प्राविधानों का अनुसरण किया गया है। इसके तहत समूह क और ख के वो अधिकारी जिन्होंने अपने सेवाकाल में मंडल में 7 वर्ष और जनपद में 3 वर्ष पूरे कर लिए हों वो स्थानांतरण नीति के अंतर्गत आएंगे। इसके साथ ही समूह क और ख में स्थानांतरण संवर्ग वार अधिकारियों की संख्या अधिकतम 20 प्रतिशत होगी और समूह ग और घ के लिए अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत रखी गई है। उन्होंने बताया कि समूह ग और घ के लिए जो व्यवस्था की गई है उसके अनुसार सबसे पुराने अधिकारियों का पहले स्थानांतरण किया जाएगा। यदि 10 प्रतिशत से ऊपर स्थानांतरण करना होगा तो इसके लिए मंत्री जी की अनुमति आवश्यक होगी। वहीं, यदि समूह क और ख में 20 प्रतिशत से अधिक स्थानांतरण करने की आवश्यकता होगी तो उसकी अनुमति मुख्यमंत्री जी से लेना आवश्यक होगा।
मानव संपदा के माध्यम से डिजिटाइज होगा स्थानांतरण
उन्होंने बताया कि समूह ग और घ में स्थानांतरण को पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा। मानव संपदा की जो व्यवस्था शुरू की गई है उसके अंतर्गत स्थानांतरण के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन ही की जा सकेगी। इससे अधिकारियों की सर्विस बुक और सैलरी को डिजिटाइज किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के 8 आकांक्षी जिलों और 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकासखंडों के लिए पहले से जो व्यवस्था चली आ रही है, उसके अंतर्गत वहां रिक्त पड़े पदों को भरने की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
एक दिन पूर्व रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ
कैबिनेट ने प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके अनुसार अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को एक जुलाई और एक जनवरी से प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक जो व्यवस्था थी उसके अनुसार 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एक जुलाई या एक जनवरी को प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता था। हालांकि अब कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ उनकी पेंशन और ग्रेचुयुटी में मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद ज्यूडिशियल कर्मचारियों को पहले ही इसका लाभ दिया जा चुका है और अब सरकारी कर्मचारी भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे।
विश्वविद्यालयों के नामों में संशोधन, 2 निजी विश्वविद्यायलों को एलओआई
योगी सरकार ने प्रदेश के 5 विश्वविद्यालयों के नामों में भी मामूली संशोधन किया गया है। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार इन विश्वविद्यालयों के नाम से राज्य शब्द को हटाया गया है। महाराज सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का नाम अब महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ होगा। इसी तरह मां शाकुम्भरी देवी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर, मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर, मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर से भी राज्य शब्द को हटाने को मंजूरी दी गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद का नाम गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि प्रदेश के छात्र अपने ही प्रदेश में उच्च शिक्षा गृहण कर सकें। इसके लिए सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ ही प्राइवेट विश्वविद्यालय को भी प्रमोट किया जा रहा है। इसी क्रम में दो नए निजी विश्वविद्यालयों को लेटर ऑफ इंटेंट देने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इसमें एचआरआईटी गाजियाबाद और दूसरा फ्यूचर विश्वविद्यालय बरेली है। इन दोनों ने अपने सभी मानक पूरे कर लिए हैं।
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