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G20 Summit: J&K में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त, शार्पशूटरों सहित मार्कोस दस्ता भी तैनात

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Strict security arrangements in J&K for G20 Summit

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श्रीनगर। जी-20 पर्यटन कार्य समूह के सम्मेलन को शांत, सुरक्षित एवं विश्वास पूर्ण वातावरण में संपन्न कराने और किसी भी आतंकी षड्यंत्र को विफल बनाने के लिए श्रीनगर समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।

पठानकोट-जम्मू और जम्मू-पुंछ व जम्मू-श्रीनगर-गांदरबल राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिह्नित स्थानों पर विशेष नाके भी स्थापित किए गए हैं। लगभग 600 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सादी वर्दी में सम्मेलन स्थल,एयरपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया गया है।

थल, जल और नभ से चौकसी

सम्मेलन स्थल को एनएसजी व जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के कमांडो दस्ते ने अपने कब्जे में ले लिया है, जबकि डल झील में सीआरपीएफ के वाटर विंग और नौसेना के मार्कोस दस्ते के कमांडो अपनी कश्तियों में लगातार गश्त कर रहे हैं। एंटी ड्रोन प्रणाली भी स्थापित कर दी गई है और सम्मेलन स्थल को नो फ्लाइंग जोन बनाया गया है। किसी भी खतरे से निपटने के लिए थल,जल और नभ से चौकसी की जा रही है।

तीन दिन तक चलने वाले इस समागम में शामिल होने के लिए विदेशी मेहमानों का आगमन रविवार को शुरू हो जाएगा। उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उड़ी सेक्टर में अग्रिम सैन्य चौकियों का दौरा कर सेना की युद्धक तैयारियों और घुसपैठ रोधी तंत्र का भी जायजा लिया।

डल झील में मार्कोस दस्ता है तैनात

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के संबंधित अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था का लगातार जायजा लेते हुए उसमें आवश्यकतानुसार सुधार कर रहे हैं। डल झील में नौसेना के मार्कोस दस्ते ने आज सीआरपीएफ के वाटर विंग के साथ मिलकर किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी का संयुक्त अभ्यास किया।

इसके साथ ही डल झील में नेहरू पार्क से लेकर निशात व चार चिनारी तक के हिस्से को आम सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। सम्मेलन डल झील किनारे स्थित शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है। जम्मू के परगवाल सेक्टर में चिनाब दरिया में बीएसएफ के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं।

1986 के बाद पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन

जम्मू कश्मीर में 1986 के बाद यह अपनी तरह का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन है। कश्मीर में बहाली होती सामान्य स्थिति से हताश पाकिस्तान ने इस सम्मेलन को नाकाम बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर संभव षड्यंत्र किया है।

आतंकी संगठनों ने भी इस सम्मेलन के आयोजन का विरोध करते हुए, सम्मेलन के दौरान न सिर्फ श्रीनगर में बल्कि प्रदेश के अन्य भागों में भी आतंकी हमलों की धमकी दी है। सुरक्षा एजेंसियों ने सम्मेलन के दौरान गुलमर्ग में एक आतंकी हमले के रचे जा रहे षड्यंत्र को भी नाकाम बनाया है। पूरे प्रदेश में सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है।

सम्मेलन स्थल पर कमांडो तैनात

एनएसजी के कमांडो और सेना के पैरा कमांडो के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के एसओजी दस्ते के जवानों ने सम्मेलन स्थल और उन सभी जगहों की सुरक्षा का जिम्मा संभाला है जहां विदेशी मेहमान ठहरेंगे या अपने कश्मीर प्रवास के दौरान जाएंगे।

श्रीनगर एयरपोर्ट से एसकेआईसीसी तक के सड़क और फोर शोर रोड पर सीआरपीएफ के जवानों की विशेष टुकड़ियों को तैनात किया गया है जो अपने खोजी कुत्तों व विस्फोटकों का पता लगाने वाले सेंसरों के साथ निरंतर सड़क की जांच कर रही हैं। श्रीनगर-जम्मू हाईवे समेत घाटी की सभी प्रमुख सड़कों पर भी सुरक्षाबलों की आरओपी की गश्त को बढ़ाया गया है।

महत्वपूर्ण जगहों पर शार्प शूटर तैनात

जम्मू-कश्मीर में जी-20 सम्मेलन को देखते हुए सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को बढ़ाया गया है। श्रीनगर में करीब एक हजार सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। विभिन्न इलाकों में ड्रोन के जरिए भी निगरानी की जा रही है। आतंकियों द्वारा ड्रोन हमले की आशंका को देखते हुए एंटी ड्रोन प्रणाली भी स्थापित की गई है।

श्रीनगर में सभी ऊंची इमारतों और महत्वपूर्ण जगहों पर शार्प शूटर तैनात किए गए हैं। सीआरपीएफ, पुलिस और सेना के क्यूआरटी,क्यूएटी और सीआरटी दस्तों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है।

श्रीनगर में आने जाने के सभी रास्तों पर विशेष पड़ताल चौकियां स्थापित की गई है। सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। घाटी में ही नहीं जम्मू प्रांत के पहाड़ी व आतंक ग्रस्त इलाकों में रहने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।

उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखते ही निकटवर्ती पुलिस चौकी या सुरक्षा शिविर में सूचित करने के लिए कहा गया है। श्रीनगर के भीतर ही नहीं अन्य सभी शहरों व कस्बों में और सभी महत्वपूर्ण सड़कों पर अनाधिकृत जगहों पर चालकों को अपने वाहन खड़ा करने से मना किया गया है।

विभिन्न जगहों पर वाहनों की जांच हो रही है क्योंकि आतंकियों द्वारा वाहन बम या स्टिकी बम भी इस्तेमाल किए जाने की आशंका जताई गई है। सभी पूर्व आतंकियों और आतंकियों के गाइडों व अन्य शरारती तत्वों की गतिविधियों की लगातार निगरानी की जा रही है।

जम्मू प्रांत में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे इलाकों से लेकर एलओसी पर स्थित नदी नालों व जंगलों में विशेष तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि घुसपैठ की किसी भी आशंका को समाप्त किया जा सके।

DGP दिलबाग सिंह कर रहे नेतृत्व

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमने सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त किया है। स्थिति की लगातार समीक्षा कर उसमें तत्कालीन परिस्थितियों के आधार पर आवश्यक सुधार भी किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान आतंकियों को गड़बड़ी का कोई मौका नहीं मिलेगा। इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय शरारती तत्वों और अफवाहबाजों की भी निगरानी की जा रही है।

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प्रियंका का पीएम मोदी पर पलटवार, कहा- मेरा भाई 4 हजार किमी पैदल चला, तब आप अपने महल में थे

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बनासकांठा। गुजरात के बनासकांठा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी शहंशाह हैं जो महल में रहते हैं लेकिन जनता से कटे हुए हैं। प्रियंका गांधी ने कहा, “वह (पीएम मोदी) मेरे भाई को शहजादा कहते हैं लेकिन मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि यह शहजादे आपकी (लोगों की) समस्याएं सुनने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4,000 किलोमीटर तक चले। उन्होंने मेरे भाइयों और बहनों, किसानों और मजदूरों से मुलाकात की और उनसे पूछा कि हम उनकी समस्याओं का कैसे समाधान कर सकते हैं।”

प्रियंका ने आगे कहा, ‘और एक तरफ आपके शहंशाह..हैं. महलों में निवास करते हैं। आपने कभी टीवी पर उनका चेहरे को देखा है? एकदम साफ सुथरा सफेद कुर्ता, एक दाग नहीं है धूल का। एक बाल इधर से उधर नहीं होता है। वो कैसे समझ पाएंगे कि आपकी मजदूरी, आपकी खेती। किस तरह से समझ पाएंगे कि आप किस दलदल में धंसे हुए हो। महंगाई से आप दबे हुए हैं। हर तरफ महंगाई, मेरी बहनें… मिट्टी का तेल आज कितने का हो चुका है? सब्जी खरीदने जाती हैं तो भाव क्या है उसका… पेट्रोल डीजल का दाम क्या है, किस तरह से गुजारा होता है। खेती के हर सामान पर जीएसटी लग रही है। हर सामान अब महंगा हो गया है। अगर कोई त्योहार होता है, कुछ खरीदना होता है, फीस भरनी पड़ती है, इलाज करना पड़ता है ये मोदी नहीं जान सकते हैं।

​कांग्रेस महा​सचिव प्रियंका गांधी पीएम पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने दस सालों में अधिकार कम करने का काम किया है। पहले के ​पीएम लोगों के बीच गांवों में जाते थे। लोगों की बातें और उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते थे। गुजरात ने पीएम मोदी को सबकुछ दिया। सत्ता दी. पर अब आप उनको देखते हैं, वह बड़े-बड़े लोगों के साथ दिखाई देते हैं। वे कभी किसानों या गरीबों को के बीच नहीं दिखते हैं। वे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसी भी गरीब के घर नहीं गए।

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