अन्तर्राष्ट्रीय
दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के खिलाफ लाउडस्पीकर दुष्प्रचार शुरू किया
सियोल। दक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद लाउडस्पीकर से दुष्प्रचार रणनीति शुरू कर दिया है। दक्षिण कोरिया बड़े लाउडस्पीकरों की मदद से उत्तर कोरिया की ओर 11 सीमावर्ती स्थानों पर दुष्प्रचार फिर शुरू करेगा। दक्षिण कोरिया के एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि सभी 11 स्थानों पर दिन और रात में कभी भी दो से छह घंटे तक लाउडस्पीकरों से प्रचार किया जाएगा।
उत्तर कोरिया द्वारा बुधवार को प्रथम हाइड्रोजन बम के सफल परीक्षण के ऐलान के बाद दक्षिण कोरिया ने इसे फिर से शुरू करने का फैसला किया है। दक्षिण कोरिया के इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि उत्तर कोरिया इसे ‘सीधे तौर पर युद्ध की घोषणा’ करार दिया है। दक्षिण कोरिया लाउडस्पीकर दुष्प्रचार के जरिये उत्तर कोरिया के प्रशासन के खिलाफ संदेश भी देगा। उत्तर कोरिया द्वारा इन लाउडस्पीकरों पर हमले जैसी आशंकाओं के मद्देनजर दक्षिण कोरिया की सेना ने 11 स्थानों पर फौज की तैनाती की है। इन लाउडस्पीकरों से रात में 24 किलोमीटर तक और दिन में लगभग 10 किलोमीटर दूर तक आवाजें सुनी जा सकती हैं।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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