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शशांक मनोहर निर्विरोध चुने गए आईसीसी चेयरमैन

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शशांक मनोहर निर्विरोध चुने गए आईसीसी चेयरमैन

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शशांक मनोहर निर्विरोध चुने गए आईसीसी चेयरमैन

दुबई| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन चुन लिए गए। स्वतंत्र तौर पर यह चुनाव लड़ने वाले मनोहर का चयन निर्विरोध हुआ। मनोहर किसी बोर्ड से सम्बंध रखे बिना इस पद पर आसीन होने वाले पहले अधिकारी हैं। मनोहर ने मंगलवार को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। मनोहर का कार्यकाल दो साल का होगा और तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू कर देंगे।

मनोहर ने अपने बयान में कहा, “मैं क्रिकेट का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सभी सहयोगियों के साथ मिलकर काम करूंगा। क्रिकेट का इतिहास गर्व भरा और इसकी संस्कृति काफी समृद्ध रही है और मैं इसे बनाए रखने का प्रयास करूंगा।”

नागपुर के मनोहर ने कहा, “आईसीसी का चेयरमैन चुना जाना सम्मान की बात है। मैं खुद को भरोसा जताए जाने को लेकर आईसीसी के निदेशकों का धन्यवाद करना चाहता हूं।”

मनोहर बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर दूसरी बार आसीन हुए थे और सात महीने इस पद पर रहे। अक्टूबर 2015 में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद मनोहर को बीसीसीआई अध्यक्ष बनाया गया था। इसी पद की बदौलत मनोहर उसी समय से आईसीसी प्रमुख बने हुए थे। मनोहर पहली बार 2008 में बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे और 2011 तक इस पद पर रहे थे।

आईसीसी की फुल काउंलिस ने अप्रैल में हुई बैठक में संवेधानिक बदवाव को मंजूरी दी थी। इसके तहत आईसीसी अध्यक्ष पद को समाप्त कर दिया गया और चेयरमैन को आईसीसी का सबसे बड़ा अधिकारी बताया गया लेकिन चेयरमैन वही बन सकता था, जो किसी भी बोर्ड से ताल्लुक न रखता हो। बदलाव की इसी प्रक्रिया के तहत मनोहर का चयन हुआ है, जो किसी बोर्ड से ताल्लुक नहीं रखते हैं।

इस पद पर मनोहर अकेले उम्मीदवार थे और आईसीसी के निदेशकों ने बिना किसी शर्त के उनके चयन को मंजूरी दी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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