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सेंसेक्स, निफ्टी में 3 फीसदी तेजी

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सेंसेक्स, निफ्टी में 3 फीसदी तेजी

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 सेंसेक्स, निफ्टी में 3 फीसदी तेजी

मुंबई| देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह लगभग तीन फीसदी तेजी दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2.83 फीसदी यानी 747.2 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,144.91 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.96 फीसदी यानी 239.75 अंकों की तेजी के साथ 8,328.35 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 25 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। डॉ. रेड्डीज लैब (10.38 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (7.47 फीसदी), ओएनजीसी (7.06 फीसदी), सिप्ला (6.59 फीसदी) और एक्सिस बैंक (6.36 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के पांच शेयरों आईटीसी (28.59 फीसदी), टीसीएस (2.68 फीसदी), इंफोसिस (1.88 फीसदी), कोल इंडिया (0.50 फीसदी) और बजाज ऑटो (0.38 फीसदी) में गिरावट रही।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी करीब पांच फीसदी तेजी रही। मिडकैप 4.81 फीसदी या 544.15 अंकों की तेजी के साथ 11,857.56 पर और स्मॉलकैप 5.38 फीसदी या 606.8 अंकों की तेजी के साथ 11,885.43 पर बंद हुआ।

बुधवार 29 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का निर्णय ले लिया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सिफारिशें लागू करने से सरकारी खर्च में 1,02,100 करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है।

जेटली ने कहा, “अब सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह होगा।” उन्होंने कहा कि बकाए का भुगतान इसी वर्ष किया जाएगा। सरकार ने एक जनवरी, 2016 से ही सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है। आयोग की सिफारिशों में कैबिनेट सचिव और समकक्ष पदों का वेतन प्रतिमाह 2,50,000 रुपये कर दिया गया है।

गुरुवार 30 जून को जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, देश के प्रमुख आठ उद्योगों के उत्पादन की वृद्धि दर मई महीने में घट गई। इससे पहले के पांच महीनों में इसमें वृद्धि दर्ज की गई थी। मई महीने में आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांकों (ईसीआई) में 2.8 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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