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काशी की तर्ज पर सीरगोवर्धन का दिख रहा नया स्वरूपः सीएम योगी

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वाराणसी| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीरगोवर्धनपुर में नया स्वरूप काशी की तर्ज पर देखने को मिलता है। 10 वर्ष पहले यह कल्पना थी, विवाद थे। भव्य समागम की जगह नहीं मिल पाती थी। सड़कें संकरी थी, लेकिन प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता, मार्गदर्शन व नेतृत्व में आज पूज्य संत रविदास जी महराज का पावन तीर्थ नई दिव्यता-भव्यता से चमकता दिखाई दे रहा है। आज संग्रहालय का शिलान्यास हुआ है। यह संगत जब उनकी 650वीं जयंती को मनाएगा तो अगले तीन वर्ष के अंदर ही भव्य स्मारक संग्रहालय के रूप में देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने संत रविदास की 647वीं जयंती समारोह को संबोधित किया। इस दौरान 101 करोड़ से सीर गोवर्धनपुर में संत रविदास मंदिर से संबंधित आध्यात्मिक पर्यटन विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास किया गया। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीसरी बार सीर गोवर्धन में आकर संत रविदास जी की प्रतिमा व पार्क का लोकार्पण किया है।

पीएम मोदी ने कार्यों को धरातल पर उतारा है

सीएम ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ। उसके पहले भी लोग घोषणाएं करते थे, लेकिन क्या कार्य हो पाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगद्गुरु रामानंद व रविदास जी की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए कार्यों को धरातल पर उतारा है। जगदगुरु रामानंद जी ने यही कहा था ‘जाति-पाति पूछे नहीं कोई-हरि को भजे सो हरि का होई’… यह हमें आज देखने को मिल रहा है। समाज में सबका साथ-सबका विकास का मंत्र साकार हो रहा है। हर गरीब को मकान, शौचालय, पांच लाख रुपये की आयुष्मान भारत की गारंटी मिल रही है। साथ ही जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है। स्वतंत्र भारत में पहली बार बाबा साहेब के पंच तीर्थों को सम्मान देने का कार्य हुआ है। इसके लिए पूरा देश व समाज पीएम के प्रति आभार व्यक्त करता है।

संत रविदास की उक्ति को पीएम मोदी ने किया चरितार्थ

सीएम ने कहा कि काशी की धरती के माध्यम से पीएम ने देश-दुनिया को नई प्रेरणा दी है। कोरोना कालखंड में हर कोई सशंकित रहता था कि 140 करोड़ भारतवासी कैसे जीवित रहकर आगे बढ़ पाएंगे, लेकिन प्रधानमंत्री ने फ्री में टेस्ट, वैक्सीन व उपचार की व्यवस्था की। 600 वर्ष पहले सद्गुरु ने कहा था कि ‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न’… संत रविदास की इस उक्ति को पीएम मोदी ने चरितार्थ किया। चार वर्ष से 80 करोड़ लोगों को बिना भेदभाव फ्री में राशन मिल रहा है। सद्गुरु के कार्यों को जमीनी धरातल पर उतारकर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा रहा है।

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह चौधरी, अखिल भारतीय रविदास धर्म संगठन के उपाध्यक्ष नवदीप दास, पूर्व सांसद विजय सांपला, एसएस ढिल्लो, सतपाल, प्रदीप दास आदि उपस्थित रहे।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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