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बंगाल सरकार को SC की फटकार- लोग तय करें ‘द केरल स्टोरी’ अच्छी है या बुरी

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SC reprimands Bengal government

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नई दिल्ली। ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म पर बंगाल सरकार द्वारा बैन लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने फटकार लगाते हुए कहा कि जब पूरे देश में फिल्म दिखाई जा रही है तो प.बंगाल में क्यों नहीं लोगों को तय करने दें कि फिल्म अच्छी है या बुरी।

बंगाल सरकार को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं की उस याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य में फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।

तमिलनाडु सरकार को भी नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ तमिलनाडु सरकार को भी नोटिस जारी किया है। SC ने तमिलनाडु सरकार से ‘द केरला स्टोरी’ प्रदर्शित करने वाले थिएटरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किए गए उपायों को बताने के लिए कहा है। बता दें कि तमिलनाडु में भी इस फिल्म पर बैन लगा हुआ है।

ममता सरकार से पूछा सवाल

सीजेआई ने आगे कहा कि फिल्म पूरे देश में प्रदर्शित की जा रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार को फिल्म पर प्रतिबंध क्यों लगाया है। सीजेआई ने सरकार से पूछा कि आप इस फिल्म को चलने क्यों नहीं देना चाहते हैं? फिल्म देश के विभिन्न हिस्सों में समान जनसांख्यिकीय प्रोफाइल के साथ चल रही है।

बंगाल में फिल्म पर लगा है बैन

बता दें कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने द केरल स्टोरी पर बैन लगा रखा है। सरकार का कहना है कि इस फिल्म से लोगों में गुस्सा उत्पन्न हो सकता है और राज्य में माहौल खराब हो सकता है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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