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हिंडनबर्ग मामले में SC का SEBI की जांच में दखल से इनकार, कहा- तीन महीने में जांच पूरी करे नियामक

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SC refuses to interfere in SEBI investigation in Hindenburg case

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों पर सेबी की जांच में दखल देने से इनकार किया है। तीन जजों की बेंच ने अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। अदालत ने 22 मामलों की जांच सौंपी थी जिसमें दो की जांच बाकी है। न्यायालय ने सेबी को तीन महीने में लंबित जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।

इससे पहले हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अनुकूल फैसला आने की उम्मीद में अदाणी समूह के शेयरों में बुधवार को 10% तक की तेजी आई। 10 शेयरों के समूह में अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस सबसे अधिक 10% तक चढ़ गया, जबकि अदाणी टोटल गैस 8% और एनडीटीवी के शेयर 7% की बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे।

अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी विल्मर, अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पावर के शेयर 5-6 की बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे। अहमदाबाद स्थित समूह प्रमुख कंपनी अदाणी पोर्ट्स के शेयरों में 3% की वृद्धि दर्ज की गई। बुधवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की एक पीठ अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया है कि अरबपति गौतम अदाणी ने ‘कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ की है। पिछले महीने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जो कुछ कहा गया है, उसे पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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