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आरएसएस के सर्वे ने बढ़ाई भाजपा की चिंता, जा सकती है गुजरात की सत्‍ता

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आरएसएस का सर्वे, भाजपा की चिंता, गुजरात की सत्‍ता, 182 में से 60-65 सीटें, गुजरात में दलित आंदोलन, ऊना कांड

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इस समय गुजरात में चुनाव हुए तो बीजेपी को 182 में से 60-65 सीटें: आरएसएस

अहमदाबाद। आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के एक सर्वे ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्‍व की नींद उड़ा दी है। इस सर्वे में कहा गया है कि यदि आज गुजरात में चुनाव हो जांय तो सत्‍तारूढ़ भाजपा को 182 में से 60-65 सीटें ही मिलेंगी। यह बात बीजेपी और आरएसएस के एक संयुक्‍त सर्वे से निकल कर सामने आई है। इस सर्वे को आरएसएस के उन जमीनी प्रचारकों ने अंजाम दिया है, जिन्हें लोगों से फीडबैक लेने का प्रशिक्षण दिया गया है।

सर्वे गुजरात में फैले दलित आंदोलन के बाद किया गया है। ऊना में मृत गाय की खाल उतारने पर दलित युवकों की पिटाई के विरोध में गुजरात में दो हफ्तों से दलित प्रदर्शन कर रहे हैं। सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि बीजेपी के हिंदू वोट बैंक का ध्रुवीकरण हो रहा है और दलित उससे छिटक रहे हैं।

गुजरात आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को सीएम आनंदीबेन पटेल को सर्वे के बारे में बताकर इस्तीफे के लिए राजी कर लिया था। यही वजह है कि विपक्ष के नेता शंकरसिंह वाघेला ने मंगलवार को भरोसा जताया था कि अगर चुनाव जल्दी भी होते हैं तो उनकी पार्टी इसके लिए तैयार है। वाघेला कांग्रेस में जाने से पहले आरएसएस के प्रचारक और बीजेपी के बड़े नेता रह चुके हैं।

दलित, पाटीदार आंदोलन से बीजेपी को नुकसान होगा: सर्वे

सर्वे में सामने आया है कि दलित और पाटीदार आंदोलन के चलते बीजेपी को कम से कम 18 विधानसभा सीटों पर नुकसान होने जा रहा है। सर्वे में कहा गया है कि आदिवासी भी सरकारी नौकरियों और जमीन आवंटन के लिए आंदोलन छेड़ सकते हैं।

इससे पहले आरएसएस की एक और रिपोर्ट में कहा गया था कि बीजेपी को दिसंबर 2015 के पंचायती चुनावों में कम से कम 104 सीटों का नुकसान हुआ। इसकी वजह पाटीदारों का आंदोलन था। बीजेपी को शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा नुकसान हुआ था।

आरएसएस में इस बात को लेकर चिंता है कि दलितों के समर्थन के लिए मुस्लिम आगे आ रहे हैं। आरएसएस के एक सूत्र ने कहा, ‘संघ दलितों को हिंदुओं का हिस्सा मानता है और हिंदुओं में दो ध्रुव बनना कभी स्वीकार नहीं करेगा। पहले दलित कांग्रेस के प्रति समर्पित थे और संघ ने दो दशकों की अथक मेहनत के बाद उन्हें अपने साथ किया था।’

इससे निपटने के लिए पहला कदम आनंदीबेन को कुर्सी से हटने के लिए तैयार करना और फिर दूसरे कदम उठाना है। संघ ने दलितों के हिंदुओं से दूर जाने को गंभीरता से लिया है, इसलिए यह पहली बार सामाजिक सद्भावना सम्मेलन करने जा रहा है।

यह सम्मेलन बुधवार को ऊना में होगा, जहां से दलितों का विरोध शुरू हुआ था। गुजरात आरएसएस के प्रभारी विजय ठाकर ने कहा है, ‘हम सामाजिक सद्भावना लाने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए धार्मिक उपदेशक और संत सबसे माध्यम हैं।’ हालांकि उन्होंने इस सर्वे के बाद आनंदीबेन के सीएम पद से हटने पर कहा कि आरएसएस इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त नहीं रहता है, इसके लिए बीजेपी का अपना संगठन है।

अमित शाह पसंदीदा सीएम

आरएसएस के सूत्रों का कहना है कि अमित शाह का नाम सीएम के लिए सबसे आगे चल रहा है। आरएसएस को लगता है कि दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में हार के बाद बीजेपी के लिए 2017 में यूपी में बड़ी जीत भी मुश्किल है। हालांकि, यह कहा जा रहा है कि 2017 में यूपी चुनाव से पहले अमित शाह को डिस्टर्ब नहीं किया जा सकता और न ही उन्हें डिमोट कर गुजरात का सीएम बनाया जा सकता है, पर दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि पाटीदार और दलितों के आंदोलन से निपटने के लिए शाह का सीएम बनना जरूरी है। इसलिए अगर शाह सीएम बनते हैं तो उनके पास जीत की तैयारियों के लिए एक साल का समय रहेगा। वैसे भी गुजरात को आरएसएस की प्रयोगशाला कहा जाता है, इसलिए भी वह इस राज्य को नहीं गंवाना चाहेगा।

संघ के एक धड़े को यह भी लगता है कि पीएम और पार्टी अध्यक्ष का पद एक ही राज्य के लोगों को नहीं दिया जाना चाहिए। अगर अमित शाह को गुजरात भेजा जाता है तो उनकी जगह पर पार्टी की कमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंक्षी जे.पी. नड्डा या पार्टी महासचिव राम माधव को दी जा सकती है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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