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अन्तर्राष्ट्रीय

लैंडर विक्रम से बाहर आया रोवर ‘प्रज्ञान’, भेजी पहली तस्वीर; ISRO के साथ स्थापित हुआ लिंक

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नई दिल्ली। चंद्रमा पर भारत का चंद्रयान 3 सफलतापूर्ण लैंड कर गया है। चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम के साउथ पोल पर उतरने के बाद अलग-अलग प्रयोग करने वाला रोवर ‘प्रज्ञान’ भी रैंप के जरिए लैंडर से बाहर निकल गया है। इसकी पहली तस्वीर अब सामने आ गई है।

तस्वीर में ‘विक्रम’ लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के कुछ घंटों बाद रोवर को बाहर निकलते हुए दिखाया गया है। रैंप पर लैंडर से बाहर आते रोवर की पहली तस्वीर INSPACe के अध्यक्ष पवन के गोयनका ने एक्स पर पोस्ट की है।

इसरो के साथ लैंडर का लिंक स्थापित हुआ

बता दें कि रोवर के बाहर निकलने के साथ ही इसरो ने अपने लैंडर के साथ एक संचार लिंक भी स्थापित कर लिया है, जो अब चंद्रमा की जानकारी जुटा पाएगा। इसरो ने कहा, “चंद्रयान-3 लैंडर और बेंगलुरु स्थित इसरो के संचार केंद्र MOX-ISTRAC के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है।”

चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल थे। इसमें से लैंडर और रोवर ने ही चांद पर लैंड किया है।

इसरो लैंडर और रोवर से कर सकेगा संपर्क

चंद्रयान-3 प्रोपल्शन मॉड्यूल के लिए प्राथमिक संचार चैनल इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु में मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स होगा, जो लैंडर और रोवर से संपर्क करेगा।

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के साथ पहले ही साधा संपर्क

इससे पहले, इसरो ने कहा था कि चंद्रमा लैंडर ने चंद्रयान -2 मिशन के ऑर्बिटर के साथ संचार संपर्क स्थापित कर लिया है, जो 2019 से चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी कहा कि मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स के पास अब लैंडर के साथ संचार करने के लिए अधिक मार्ग हैं। दूसरे शब्दों में, चंद्रयान-2 ऑर्बिटर लैंडर के साथ इसरो के लिए बैकअप संचार चैनल होगा।

इसरो ने क्या कहा?

ISRO ने आज गुरुवार को बताया कि विक्रम लैंडर से बाहर निकलकर प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर घूम रहा है। इसरो ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।

इसरो ने ‘एक्स’ पर कहा- चंद्रयान-3 मिशन : चंद्रयान-3 रोवर: भारत में निर्मित… चांद के लिए बनाया गया! चंद्रयान-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा… भारत ने की चांद पर सैर!

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भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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