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बारिश में और तेज़ी से बढ़ेंगे कोरोना के मामले, सर्दियों में भी बढ़ेंगे मामला

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नई दिल्ली। भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल इससे आने वाले 6 -8 महीनों तक राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। बरसात के कोरोना के मामले तो बढ़ेंगे ही। साथ ही सर्दियों में भी इससे राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। सर्दियों में भी कोरोना के मामलों में तेज़ी आएगी।

दरअसल, आईआईटी-भुवनेश्वर और एम्स के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि मानसून और ठंड में तापमान गिरने पर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। आईआईटी-भुवनेश्वर में स्कूल ऑफ अर्थ, ओसियन एंड क्लाइमेट साइंसेज के सहायक प्रोफेसर वी विनोज की अगुवाई में किए गए इस अध्ययन मे पता चला है कि बारिश और ठंड के मौसम में कोविड संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. क्योंकि यह मौसम वायरस के लिए अनुकूल होता है।

भारत में कोरोना के प्रसार की तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता पर निर्भरता’ शीर्षक रिपोर्ट में अप्रैल और जून के बीच 28 राज्यों में कोरोना वायरस के प्रकोप और संक्रमण के मामलों की संख्या को ध्यान में रखा गया है। प्रोफेसर वी विनोज ने बताया कि शोध के दौरान पता चला कि जब तापमान बढ़ता है तो वायरस के प्रसार में गिरावट आती है। उन्होंने बताया कि अध्ययन के अनुसार एक डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर कोरोना संक्रमण के मामलों में 0.99 प्रतिशत की कमी आती है। इससे मामलों को दोगुना होने का समय 1.13 दिनों तक बढ़ जाता है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि सापेक्ष आर्द्रता में वृद्धि से कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि दर कम हो जाती है और दोगुना होने का समय 1.18 दिनों तक बढ़ जाता है।

रिसर्च टीम का हिस्सा रहे एम्स भुवनेश्वर के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ बिजयिनी बेहरा ने बताया कि कई अध्ययनों में पता चला है कि तापमान में कमी आने पर और अपेक्षाकृत कम आर्द्रता होने पर संक्रमण का प्रसार ज्यादा हुआ है. तापमान और आद्रता ने महामारी को फैलने में सहयोग किया है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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