Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

राहुल को उप्र में अखिलेश नहीं देंगे कोई ‘स्पेस’

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कांग्रेस के युवराज यानी राहुल गांधी को करारा जवाब देने की तैयारी कर ली है। वह राहुल को प्रदेश में कोई ‘स्पेस’ नहीं देना चाहते, इसीलिए अब राहुल के दौरे के बाद अखिलेश ने भी बुंदेलखंड का रुख कर लिया है। उप्र की सियासत में बुंदेलखंड अगले चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड को लेकर उप्र के राजनीतिक दलों ने सियासत शुरू कर दी है। राजनीतिक दलों के वहां पहुंचने से वहां का सियासी पारा और बढ़ गया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को बुंदेलखंड का दौरा किया। यहां उन्होंने हमीरपुर से जोल्हूपुर गांव तक बनी 55 किलोमीटर फोर लेन सड़क का लोकार्पण किया। इसके साथ उन्होंने जालौन और हमीरपुर का दौरा भी किया और कुरारा विकास खंड क्षेत्रों में आने वाले लोहिया गांवों व थाना, ब्लाक, स्कूल सहित अन्य विकास कार्यो का निरीक्षण भी किया।

बुंदेलखंड पर प्रदेश और केंद्र सरकार की अनदेखी का लाभ उठाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुंदेलखंड का दौरा किया। राहुल 23 जनवरी को महोबा में पदयात्रा कर बुंदेलखंड की सियासत को गरमा चुके हैं। वहीं भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना भी प्रदेश सरकार की नाकामी को उजागर करने के लिए बांदा, महोबा और अन्य जिलों का दौरा कर चुके हैं।

उधर, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश प्रदेश के किसी भी दौरे पर जाएं, लेकिन प्रदेश का भला होने वाला नहीं है।

वहीं बुंदेलखंड के किसानों के साथ हो रहे भेदभाव और उपेक्षा को लेकर किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष शेखर दीक्षित का कहना है, “केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार हो या मौजूदा सरकार, इन सभी लोगांे को चुनाव के समय ही किसानों की याद आती है। किसानों का भला तभी होगा, जब केंद्र सरकार किसान आयोग का गठन करेगी।” उन्होंने कहा कि किसान मंच ‘किसान आयोग’ बनाने का समर्थन करने की मांग करता है।

इस समय बुंदेलखंड में पड़े सूखे ने किसानों और मजदूरों की कमर तोड़कर रख दी है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उनकी मदद को कोई आगे नहीं आ रहा है। हालांकि सूखे से बर्बाद हुई रबी और खरीफ की फसलों को लेकर प्रदेश और केंद्र की सरकार घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हुआ है। केंद्र और प्रदेश सरकार ने किसानों की मदद के लिए घोषणा की, मगर अभी तक किसानों को कृषि निवेश की राशि नहीं मिली है।

इस बार भी बरसात नहीं होने से किसान खरीफ और रबी की फसलें नहीं बो सके हैं। उनके मवेशियों के लिए भूसे और परिवार का पेट भरने का इंतजाम नहीं हो सका है। सरकारों द्वारा किसानों को 24 घंटे बिजली देने की घोषणा भी हवा साबित हुई।

हालात बदतर होते देख किसानों ने अपने मवेशियों को खुला छोड़ दिया है। जिले में एक लाख से अधिक मवेशी खुले घूम रहे हैं। किसानों के पास उनको रखने और खिलाने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में गरीब किसान पलायन कर दूसरे प्रदेशों में या ईंट भट्ठों पर काम करने के लिए मजबूर हैं।

नेशनल

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी।

दिल्ली में शराब नीति घोटाले से उपजे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया है। केजरीवाल पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कह चुके हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हर लोकतंत्र में जरूरी हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के समय उनकी गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है।

केजरीवाल ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कहा कि जिस तरह से उन्हें गिरफ्तार किया गया और जिस समय लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें गिरफ्तार किया गया, जब आचार संहिता लागू हो चुकी थी। इससे साफ है कि एजेंसी बिना किसी कारण के जानबूझकर उन्हें परेशान कर रही हैं। चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से ही उनकी गिरफ्तारी हुई है।

तिहाड़ जेल जाने के बाद केजरीवाल अपने स्वास्थ्य को लेकर भी जेल प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। उनका दावा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर जेल प्रशासन उन्हें इंसुलिन नहीं दे रहा है, जबकि वह लंबे समय से शुगर के मरीज हैं।

 

Continue Reading

Trending