अन्तर्राष्ट्रीय
अभी अभी : भारतीय बैंकों पर लटकेंगे ताले, इस साल के अंत तक 70 ब्रांच होंगे बंद
विदेशों में भारतीय सरकारी बैंकों की कुल 216 शाखाएं है। इस साल के अंत में 70 शाखाएं बंद होने जा रही हैं। इन 70 शाखाओं के आलावा विदेशों में इन बैंकों की दूसरी सेवाएं भी बंद किए जाने की योजना बनाई गई है।
वित्त मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ़ इंडिया विदेशों से अपनी सेवाओं में भारी कटौती करेंगे।
उन शाखाओं को छोड़ कर जो विदेशों में भी प्रॉफिट में हैं उन्हें छोड़कर खाड़ी देशों में जैसे ओमान और दुबई स्थित शाखाओं को भी बंद किए जाने की योजना बनाई जा रही है। बैंक यह कदम खर्चों को कम करने और पूंजी बचाने के लिए कर रहा है। खाड़ी के देशों में भी ये बैंक उन ब्रांचों को बंद करेंगी जिनसे पर्याप्त राजस्व हासिल नहीं हो रहा है।
अधिकारी ने बताया कि इन बैंकों के ब्रांच ने अपनी गैर मूल संपत्तियां बेचनी शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही इन ब्रांच को कहा गया है कि अपने खर्चों को कम करें। अभी तक 37 ओवरसीज ब्रांच बंद किए जा सकते हैं वहीं 60-70 ब्रांच इस साल तक बंद कर दिए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि बंद किए जा रहे ब्रांच पूरी तरह से काम कर रहे थे इन ब्रांच में बैंक, रिप्रेजेंटेटिव ऑफिर और रेमिटेंस ऑफिस भी हैं।
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जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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