अन्तर्राष्ट्रीय
भारत के लिए गर्व के साथ चुनौतपूर्ण अवसर भी, मिली G-20 की अध्यक्षता
बाली। इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर आयोजित G-20 देशों की शिखर बैठक में पूरी दुनिया ने महाशक्ति बनने की ओर बढ़ते भारत की एक शानदार झलक देखी। G-20 देशों ने पीएम मोदी के रूस-यूक्रेन युद्ध पर दिए बयान को अपना समर्थन दिया।
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-20 की अध्यक्षता सौंप दी। अब भारत एक दिसंबर से अगले 1 साल के लिए दुनिया के 20 सबसे प्रभावशाली देशों का नेतृत्व करेगा। जी-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि हम सब मिलकर जी-20 को वैश्विक कल्याण का प्रमुख स्रोत बना सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जी-20 की यह अध्यक्षता मिलना वैश्विक फलक पर जहां भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है, वहीं अगला 1 साल नई दिल्ली के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण और अवसरों से भरा दोनों ही होने जा रहा है।
जी-20 के सदस्य देशों में फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
यूक्रेन युद्ध में शांति कराने की क्षमता रखता है भारत
यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया दो भागों में स्पष्ट रूप से बंट गई है और जी-20 में दोनों ही गुटों के समर्थक देश शामिल हैं। हालांकि भारत एक ऐसी स्थिति में है जो पश्चिमी देशों और रूस दोनों के साथ ही घनिष्ठ संबंध रखता है। यही वजह है कि पिछले दिनों पश्चिमी मीडिया ने जोर देकर कहा था कि भारत यूक्रेन युद्ध में शांति कराने की क्षमता रखता है।
पिछले दिनों पीएम मोदी ने जी-20 का लोगो, थीम और वेबसाइट जारी करते हुए दुनिया के सामने भारत की प्राथमिकताओं की ओर संकेत दिया था। भारत 1 दिसंबर से शुरू हो रहे कार्यकाल में 200 कार्यक्रम आयोजित कराने जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भारत जोर दे सकता है।
भारत ने साल 2023 के लिए बांग्लादेश, मिस्र, मारीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई को साल 2023 के शिखर सम्मेलन के लिए अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है। रूस-यूक्रेन के साथ-साथ भारत के सामने कई बड़ी चुनौतियां सुरसा की तरह से मुंह बाए खड़ी हैं। भारत की जी-20 में प्राथमिकता समावेशी, समान और सतत विकास, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जलवायु वित्तपोषण, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा है।
अमीर और गरीब देशों के बीच बनना होगा पुल
भारत को एक ऐसा अजेंडा बनाना होगा जो सदस्य देशों के बीच एक सर्वसम्मति से स्वीकार हो। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तपोषण एक और क्षेत्र है जहां पर भारत को धनी देशों के साथ मिलकर काम करना होगा। विकसित देशों को इस बात के लिए प्रेरित करन होगा कि वे साफ ऊर्जा पैदा करने की तकनीक को कम आय वाले देशों को भी ट्रांसफर करें।
भारत को अपने सोलर ऊर्जा के शानदार रेकॉर्ड की इसमें मदद ले सकता है। अगले पूरे साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के संकट में बने रहने की आशंका है। भारत को आईएमएफ, विश्व व्यापार संगठन जैसे संगठनों के साथ मिलकर एक योजना बनाना होगा।
ऐसे समय पर जब यह मांग उठ रही है कि जी-20 से रूस को बाहर किया जाए, भारत को सभी देशों के लिए एक आचार संहिता बनाना होगा। जी20 एक वैश्विक आर्थिक सहयोग का प्रभावशाली संगठन है। यह वैश्विक जीडीपी का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
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हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत, विदेश मंत्री की भी गई जान
नई दिल्ली। एक हेलीकॉप्टर हादसे में में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की मौत हो गई है।
अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं। आपको बता दें कि रविवार को ईरान के राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर से अधिकारियों का संपर्क टूट गया था, इसके बाद से ही राष्ट्रपति रईसी लापता थे।
बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।
ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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