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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को लिया वापस, किसानों से की घर वापस लौटने की अपील

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 9 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की, जिनका किसान पिछले साल से विरोध कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा,’प्रकाश पर्व पर, मैं इस अवसर पर दुनिया भर के लोगों को बधाई देता हूं और शुभकामनाएं देता हूं। यह भी खुशी का मौका है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर कॉरिडोर फिर से खुला है। हमारी सरकार गुरु नानक के संदेश को आगे बढ़ाते हुए सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।मैंने अपने पांच दशकों के काम में किसानों की मुश्किलें देखी हैं। जब देश ने मुझे प्रधान मंत्री बनाया, तो मैंने कृषि विकास या किसानों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया।’

‘हम अच्छे इरादों के साथ कृषि कानून लाए’-नरेंद्र मोदी

उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि ‘हम अच्छे इरादों के साथ कृषि कानून लाए। फिर भी, हम किसानों को समझाने में सक्षम नहीं हैं। उनमें से एक वर्ग कानूनों का विरोध करता रहा है, यहां तक ​​कि हम उन्हें शिक्षित और सूचित करने की कोशिश करते रहे।हमने किसानों को समझाने की पूरी कोशिश की। हम कानूनों को संशोधित करने, उन्हें निलंबित करने के लिए भी तैयार थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा।’

‘हम किसानों से अपील करते हैं अपने खेतों में लौट आएं’-मोदी

मोदी ने किसानों से अपील करते हुए कहा, ‘हम किसानों से अपील करते हैं कि गुरु पूरब के इस पावन दिन पर, अपने घरों में, अपने खेतों में लौट आएं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपके सपनों को साकार करने के लिए और भी अधिक मेहनत करूंगा।’

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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