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पोखरण 2 : जेम्स बॉन्ड की फिल्मों से भी ज्यादा सीक्रेट था मिशन

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आज से ठीक 20 साल पहले भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया था । 11 मई 1998 को उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐलान किया कि भारत ने आज  पोखरण में तीन परमाणु विस्फोट किए हैं। इसके दो दिन बाद दो और परीक्षण किए गए। ये परीक्षण 1974 में किए गए पोखरण परमाणु विस्फोट की ही कड़ी के पूरक थे जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश का पहला परमाणु परीक्षण किया था। पहले परमाणु परीक्षण का सीक्रेट नाम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया, जबकि दूसरे परमाणु परीक्षण को ऑपरेशन शक्ति कहा गया।
दूसरे परमाणु विस्फोट के समय भारत पर ऐसा न करने का काफी दबाव था अमेरिका ने अपने चार सैटलाइट भारत की निगरानी के लिए लगा रखे थे। लेकिन भारत सरकार और वैज्ञानिकों ने ऐसे खुफिया तरीके अपनाए कि इसे दुनिया भांप नहीं सकी। आइए डालते हैं ऑपरेशन शक्ति की दिलचस्प बातों पर एक नजर :

डॉ. कलाम समेत एटमी टेस्ट में शामिल वैज्ञानिक और इंजीनियर्स सेना की वर्दी में रहते थे

1. पोखरण परमाणु परीक्षण से जुड़े वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को सेना की वर्दी में रहने को कहा गया ताकि ऐसा लगे कि सेना की रूटीन कार्रवाई चल रही है।

2. विस्फोट से पहले वैज्ञानिकों को सीधे पोखरण नहीं भेजा गया बल्कि वे पहले दूसरे शहरों में गए ताकि किसी को उन पर शक ना हो जाए।

3. अमेरिका के खोजी उपग्रहों को भ्रमित करने के लिए भारतीय सेना की 58वीं इंजीनियर रेजिमेंट को जिम्मेदारी दी गई। रेजिमेंट परीक्षण की सारी तैयारी रात में करती थी और सुबह होते-होते सारे उपकरण जैसे के तैसे रख दिए जाते थे।

4. इस परीक्षण को करने के लिए साल का वही समय चुना गया जब राजस्थान में रेतीले तूफान उठा करते हैं। इन तूफानों की बदौलत अमेरिकी सेटलाइट सेना की हलचल को नहीं भांप पाए।

5. ऑपरेशन शक्ति से जुड़े लोग एक-दूसरे से भी कोड वर्ड में बातें करते थे। एक-दूसरे को कोड नामों से बुलाया जाता था।

6. ये परीक्षण डॉ. अब्दुल कलाम की अगुआई संपन्न हुए। ऑपरेशन के दौरान डॉ. कलाम का कोड नेम पृथ्वीराज था।

7. परीक्षण के लिए पोखरण को इसलिए भी चुना गया क्योंकि यहां इंसानी बस्ती काफी दूर थी।

8. इस एटमी टेस्ट के लिए रेगिस्तान में बड़े कुएं खोदे गए और इनमें परमाणु बम रखे गए। कुओं पर बालू के टीले बनाए थे।

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अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले ने पकड़ा तूल, महाराष्ट्र युवा कांग्रेस और 16 अन्य के खिलाफ केस दर्ज

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मुंबई। गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में महाराष्ट्र युवा कांग्रेस और 16 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में मुंबई बीजेपी के पदाधिकारी प्रतीक करपे ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि शाह का फर्जी वीडियो आरोपी व्यक्तियों द्वारा उन्हें बदनाम करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से व्यापक रूप से साझा किया गया था। शिकायत के अनुसार, फर्जी वीडियो में शाह को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण अधिकारों में कटौती की घोषणा करते हुए दिखाया गया है। हालांकि, करपे ने कहा कि मूल वीडियो, जहां से यह फर्जी वीडियो बनाया गया है, उसमें पूरी तरह से अलग शब्द और अर्थ हैं।

आरोपी व्यक्तियों ने भाषण का डीप फेक वीडियो बनाया और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किया। उन्होंने कहा कि पुलिस को तुरंत डीप फेक वीडियो को हटाना चाहिए और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए, जिन्होंने इसे विभिन्न जातियों में व्यवधान, दुश्मनी और नफरत पैदा करने के इरादे से साझा किया।

 

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