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नेशनल

क्या नरेंद्र मोदी पहले कांग्रेसी थे? सच्चाई जानें यहां…

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नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खड़े नजर आ रहे हैं।

इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रोफाइल से हजारों बार शेयर किया जा चुका है। फोटो को लेकर कई बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं।

ब्लैक एंड वाइट फोटो में दिख रहे पीएम मोदी को कुछ लोग कांग्रेसी बता रहे हैं। फोटो के कैप्शन में लिखा है-‘साहब तो #कांग्रेसी निकले’। आज हम आपको इस फोटो की सच्चाई बताने जा रहे हैं।

आज की खबर की टीम में जब इस फोटो की जांच की तो पाया कि इस फोटो को बेहद ही शातिराना तरीके से फोटोशॉप किया गया है।

पीएम मोदी की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर को फोटोशॉप के जरिए इंदिरा की तस्वीर से चिपका दिया गया है। जबकि असली फोटो में पीएम मोदी की जगह कोई और नजर आ रहा है। हमारी पड़ताल में ये फोटो 100 फीसदी फेक है।

 

नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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