Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

विपक्ष पर पीएम मोदी का तंज- ऑस्ट्रेलिया के कार्यक्रम में साथ बैठा था पक्ष-विपक्ष

Published

on

PM Modi taunt on the opposition

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों जापान, ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी के दौरे के बाद भारत लौट आए हैं। पीएम मोदी का विमान आज गुरुवार सुबह दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंचा। इस दौरान पीएम के स्वागत के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ था।

विपक्ष पर पीएम मोदी का तंज

पालम एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में विपक्ष पर तंज भी कसा। पीएम मोदी ने कहा, साथियों आपको जान कर खुशी होगी कि भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के पीएम का आना हम सभी के लिए गौरव की तो बात है ही, लेकिन इतना ही नहीं, उस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री भी थे। विपक्ष के सांसद थे, सत्ता पक्ष के सांसद थे। सब के सब मिलजुल कर भारतीय समुदाय के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। बता दें कि कई विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।

कोरोना वैक्सीन को लेकर भी साधा निशाना

पीएम मोदी ने आगे कहा, संकट के समय उन्होंने पूछा कि मोदी दुनिया को वैक्सीन क्यों दे रहे हैं। याद रखिए, बुद्ध की धरती है, गांधी की धरती है। हम अपने दुश्मनों की भी परवाह करते हैं, हम करुणा से प्रेरित लोग हैं। हम ऐसे ही आगे बढ़ते हैं। अब चुनौती बड़ी है, लेकिन चुनौतियों को चुनौती देना मेरे स्वभाव में है।

देश की भलाई के लिए फैसले लिए

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस यात्रा के दौरान जितना समय मेरे पास उपलब्ध था, उसका पल-पल मैंने देश की बात करने में, देश की भलाई के लिए निर्णय करने में अपना समय पूरी तरह से उपयोग किया। मैं आप से भी यही कहूंगा कि हिंदुस्तान की संस्कृति, महान परंपरा के बारे में बोलते हुए कभी भी गुलामी वाली मानसिकता में डूब मत जाना, हिम्मत के साथ बात कीजिए। जब मैं यह कहता हूं कि हमारे तीर्थ क्षेत्रों पर हमले स्वीकार नहीं हैं तो दुनिया भी मेरे साथ दिखती है।

नए संसद भवन के उद्घाटन पर सियासत तेज

बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया है। विपक्षी दलों ने नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किए जाने की मांग की है।

किन-किन दलों ने किया बहिष्कार का एलान?

कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सपा, राजद, द्रमुक, जदयू, शिवसेना (यूबीटी), माकपा, भाकपा, एनसीपी, आईयूएमएल, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), केएसपी, वीसीके, एमडीएमके, राष्ट्रीय लोकदल और आरएसपी, एआईयूडीएफ।

नेशनल

लोकसभा के शोले और रहीम चाचा की खामोशी

Published

on

Loading

सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

हिन्दी सिनेमा की कालजई फिल्म शोले के रहीम चाचा का किरदार आपको जरूर याद होगा। उनका एक डायलॉग था जिसमें वो कहते है “इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई” उस वक्त पूरे रामगढ़ में किसी के पास इसका जवाब नहीं था, कमोवेश ठीक वैसे ही हालात इस वक्त लोकसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं पर पूरे देश में कहीं भी ऐसा नजर नहीं आता कि हम अगले पाँच साल के लिए अपने नुमाइंदे चुनने जा रहे हैं। एक अजीब खामोशी नुमायाँ है। गांव, कस्बों और शहरों तक में होर्डिंग और पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही कानफोडू लाऊडस्पीकर पर वोट मांगने वालों का शोर सुनाई दे रहा है, चाय की टपरी और पान के खोखों पर जमा होने वाली भीड़ अपने होंठों को सिले हुए है।

एक वक्त था जब हम लोग चाय की टपरी, पान की दुकान और रास्तों के ढाबों से देश का मूड भांप लेते थे। मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसका अंदाज लगाना आसान था। लेकिन आज स्थिति उलट है इन जगहों पर खड़ा आम आदमी आपसे ही उल्टा पूछ लेता है ‘और क्या चल रहा है’ इंसान-इंसान के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो गई है कि वो पब्लिक प्लेस पर अब राजनीतिक बात करने से गुरेज करने लगा है। वोटर अपने मन की बात जुबान पर नहीं लाना चाहता हैं क्यूंकी अब वो रेडियो पर ‘मोदी जी’ के मन की बात सुन रहा है और अपने मन की बात अपने मन में रखे हुए है। उसे डर है और ये डर मिश्रित चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम था। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग है। इसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 95 सीट पर मतदान होगा, जिसके लिए 1351 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

जब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का मतदान होगा तो इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर दिखाई देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है। लेकिन इस गर्मी के बीच क्षेत्रीय दलों के नेता काफी तेजी से अपने इलाके के मतदाताओं पर पकड़ बना रहे हैं और उन सवालों को उठा रहे हैं जिनसे देश का किसान, मजदूर और नौजवान चिंतित है। इसलिए उनके प्रति आम जनता की अपेक्षाएं बढ़ी हैं इसलिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। जबकि भाजपा की रैलियों का रंग उसके मुकाबले फीका नजर या रहा है।

हालांकि रैली में आने वाली भीड़ जीत का पैमाना नहीं होती इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। हर दल का अपना एक समर्पित काडर होता है। जबकि आज काडर के नाम पर ज्यादातर दलों के पास सत्ता के छत्ते से चिपकी रहने वाली मधुमक्खी ही ज्यादा नजर या रहीं है ये वो लोग हैं जिन्हें सत्ता की दलाली करने के अवसरों की तलाश होती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसके पास काडर है कार्यकर्ता हैं वो भी खामोश नजर आ रहा है। बहरहाल लगातार कम होते मतदान ने नेताओं की धुकधुकी बढ़ा रखी है। सत्ता पक्ष मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए परेशान है तो विपक्ष कम प्रतिशत को अपने पक्ष में मानकर मुंगेरीलाल के सपने बुनने में मगन है।

Continue Reading

Trending