हेल्थ
शारीरिक हिंसा महिलाओं में रक्त वाहिका रोग का कारण
न्यूयार्क| जो महिलाएं शारीरिक हिंसा का शिकार होती हैं, उनमें हृदय और रक्त वाहिका रोग होने की अधिक संभावना होती है। शारीरिक हिंसा महिलाओं को मानसिक ही नहीं, शारीरिक रूप से भी लंबे समय तक प्रभावित करती है। शोधार्थियों ने पाया कि जो महिलाएं एक से अधिक बार शारीरिक हिंसा का शिकार होती हैं, उनकी गर्दन में स्थित रक्त वाहिकाओं के संकुचन की अधिक संभावना होती है, जो मस्तिष्क में रक्त पहुंचाती हैं। यह संकुचन स्ट्रोक के जोखिम की प्रांरभिक निशानी है।
इस शोध में दक्षिण मेक्सिको की 49 साल की 634 स्वस्थ महिलाओं को शामिल किया गया था। इस सर्वेक्षण में महिलाओं से बचपन और युवावस्था दोनों में ही हिंसा, शारीरिक हिंसा, शारीरिक या भावनात्मक उपेक्षा और यौन हिंसा संबंधी अनुभवों के सवाल पूछे गए थे।
इसके साथ ही महिलाओं की गर्दन में रक्त वाहिकाओं की मोटाई मापने के लिए उनका ध्वनि तरंगों के साथ इमेजिंग परीक्षण कराया गया था।
अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ऑफ मेक्सिको से इस अध्ययन की मुख्य लेखक मारियो फ्लोर्स ने बताया, ” समाज और स्वास्थ्य क्षेत्र दोनों को ही हिंसा के आवरण से पड़ने वाले जोखिम के महत्व के बारे में जागरूक होने की जरूरत है। यह केवल सामाजिक खुशहाली को ही नहीं बल्कि महिलाओं की लंबी अवधि के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।”
यह शोध ‘एसोसिएशन एपिडेमियोलॉजी/लाइफस्टाइल 2016 साइंटिफिक सेशन्स’ में प्रस्तुत किया गया।
योग एवं आयुर्वेद
ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी
नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-
- रनिंग
रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।
- वेट लिफ्टिंग
वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।
- योगा
बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।
- धूप का सेवन
धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।
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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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