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उत्तर प्रदेश

ओमप्रकाश राजभर को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा, अटकलों का बाजार गर्म

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लखनऊ। उप्र की जहूराबाद विधानसभा सीट स्व विधायक एवं सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को लेकर प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। दरअसल शासन के निर्देश पर उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा व इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पिछले कई महीनों से लगातार सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर हमलावर हैं। चर्चा है कि योगी सरकार द्वारा राजभर का ख्याल करना कहीं न कहीं आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नया संकेत है।

सपा के खिलाफ मुखर हैं ओमप्रकाश राजभर

आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को मिली करारी हार के बाद से ही वह सपा के खिलाफ मुखर हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को नसीहत देने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष के प्रत्याशी को समर्थन न देकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में खड़े रहे। इधर शासन के निर्देश पर गाजीपुर पुलिस ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।

इस बारे में गाजीपुर पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने बताया कि शासन के निर्देश पर तीन दिन पूर्व जहूराबाद विधायक ओमप्रकाश राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

सपा से आजमगढ़ के मुस्लिम नाराज

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर खुलकर सपा पर प्रहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि रामपुर और आजमगढ़ की सीट पर उप चुनाव हारने के पीछे मुस्लिम वोटों का सपा से कटना है। आजमगढ़ में गुड्डु जमाली को पार्टी में बुलाकर धोखा दिया गया। सपा में पहले भाई, उसके बाद जो भाजपा को हराई, तब सपाई की पूछ है। इस रवैये से आजमगढ़ के मुस्लिम नाराज हो गए।

राजभर ने आगे कहा कि मायावती ने गुड्डु जमाली को बुलाकर बसपा का टिकट दे दिया। इससे 60-70 हजार मुस्लिम वोट बसपा को मिल गए, जबकि हमने वोट के फासले को कम करने के लिए भरपूर मेहनत की। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि उप चुनाव के दौरान पार्टी के सेनापति एसी से नहीं निकले। इसका भी असर चुनाव पर पड़ा।

अखिलेश यादव समेत सपा के सभी सेनापति इसके लिए दोषी हैं। कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा गाजीपुर में कभी सातों सीटें नहीं जीती। अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया में इस बार जो परिणाम आया उसे देख लें, खुद पता चल जाएगा। 2017 में सपा और कांग्रेस साथ लड़ी थी लेकिन कुल 47 सीट पर सिमट कर रह गए थे।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मैं कोशिश नहीं करता तो इस बार भी इसी आंकड़े के आसपास सिमट कर रह जाते। कहा कि सपा से अति पिछड़े और सामान्य वर्ग के वोटर कट गए हैं। पिछले 20 साल से तवज्जो नहीं मिलने से ये दूर हो गए। आज की सपा मुलायम सिंह यादव वाली नहीं है। इसमें काफी बदलाव आ गया है।

उत्तर प्रदेश

पीएम मोदी के नामांकन से पहले अमित शाह और सीएम योगी पहुंचे वाराणसी, तैयारियों का लिया जायजा

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार यानी 14 मई को वाराणसी में अपना नामांकन भरेंगे। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया। वाराणसी में पीएम मोदी के रोड शो को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के साथ ही रोड शो के भव्य स्वागत की तैयारी है। भाजपा सूत्रों के अनुसार, शाह, आदित्यनाथ और चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 13 मई को वाराणसी संसदीय क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल किए जाने और उनके रोड शो की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पार्टी की केंद्रीय चुनाव संचालन समिति के सदस्यों, जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक भी की। पीएम मोदी के ठहरने और नामांकन में रहने वाले प्रस्तावकों के नामों पर चर्चा हुई।

नामांकन के लिए बीजेपी ने चार प्रस्तावकों के नाम तय किए हैं। गृह मंत्री अमित शाह प्रस्तावकों के नाम पर मुहर लगा दी है। पीएम मोदी के नामांकन में प्रस्तावक के रूप में सबसे पहला नाम गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ का है। जिन्होंने अयोध्या के राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकाला था. वह राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुजारी भी थे।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी के नामांकन में प्रस्तावक के रूप में दूसरा नाम माझी समाज से तो एक पद्म अलंकृत विभूति को भी शामिल किया गया है। इसमें पद्मश्री डा. राजेश्वर आचार्य का नाम भी शामिल होने की बात कही जा रही है. इसके अलावा प्रस्तावकों में एक महिला भी होंगी. इसलिए पद्मश्री डा. सोमा घोष का नाम भी इस सूची में माना जा रहा है. इनके अलावापूर्व कुलपति और पद्मश्री डा. सरोज चूड़ामणि गोपाल का नाम भी इस सूची में प्रमुखता से बताया जा रहा है।

बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में पीएम मोदी के नामांकन में प्रस्तावक के रूप में विज्ञानी रमाशंकर पटेल, शिक्षाविद् प्रो. अन्नपूर्णा शुक्ला, डोमराजा जगदीश चौधरी और पार्टी के पुराने कार्यकर्ता सुभाष गुप्ता शामिल थे। वहीं 2014 में महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र गिरधर मालवीय, शास्त्रीय गायक पं. छन्नूलाल मिश्रा, नाविक भद्र प्रसाद निषाद और बुनकर अशोक कुमार को पीएम मोदी के नामांकन में प्रस्ताव बनाया गया था।

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