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अब Facebook और Instagram के यूजर्स भी ले सकते हैं पेड ब्लू टिक सर्विस

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Facebook and Instagram

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नई दिल्ली। ट्विटर के पेड ब्लू टिक सर्विस के बाद अब  Facebook और Instagram के यूजर्स पैसे देकर अपने अकाउंट को वेरिफाई करा सकते हैं। बता दें अभी तक यह सर्विस फ्री थी। मेटा ने पिछले सप्ताह पेड ब्लू टिक की घोषणा किया था और अब इसकी शुरुआत हो गई है

Facebook और Instagram ने सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में पेड सब्सक्रिप्शन की शुरुआत की है। इन देश के यूजर्स को वेब वर्जन  केलिए 11.99 डॉलर यानी करीब 990 रुपये और आईओएस और एंड्रॉइड मोबाइल प्लेटफॉर्म पर 14.99 डॉलर यानी करीब 1,240 रुपये हर महीने देने होंगे।

Facebook और Instagram के ब्लू टिक वेरिफिकेशन के लिए यूजर्स को सरकारी पहचान पत्र देना होगा। इसके अलावा पैसे देने वाले यूजर्स को डायरेक्ट कस्टमर सपोर्ट मिलेगा और उनके पोस्ट को ज्यादा रीच भी मिलेगी।

मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा है कि Facebook और Instagram का पेड वेरिफिकेशन फीचर अगले सात दिनों में पूरी दुनिया में लॉन्च किया जाएगा, हालांकि सिडनी के कुछ यूजर्स ने सर्विस ना मिलने की पुष्टि की है। इस सर्विस से मेटा के रेवेन्यू में भारी इजाफा देखने को मिल सकता है।

ट्विटर पहले ही कर चुका है एलान

इससे पहले माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने हाल ही में पेड सब्सक्रिप्शन सर्विस Twitter blue को लॉन्च किया था। भारत में ब्लू टिक लेने और प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सर्विस के फीचर्स का इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल यूजर्स को 900 रुपये प्रतिमाह चुकाने होंगे।

वहीं कंपनी ने 650 रुपये में सबसे कम कीमत वाला प्रीमियम सब्सक्रिप्शन प्लान भी जारी किया था। यह प्लान वेब यूजर्स के लिए है। बता दें कि कंपनी ने ट्विटर ब्लू को पिछले साल ही नए रूप में जारी किया था। इसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान समेत कुछ देशों में लॉन्च किया गया था।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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