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एक भी पैसे का घोटाला नहीं हुआ, माफ़ी मांगे भाजपा: आतिशी मारिलेना

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Atishi Marlena

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के जिस शराब नीति घोटाले के आरोप में मनीष सिसोदिया का उपमुख्यमंत्री का पद चला गया है और 26 मार्च से वो जेल में हैं, उसे लेकर आप नेता आतिशी मारिलेना का कहना है कि एक भी पैसे का घोटाला नहीं हुआ है।

आप नेता व कैबिनेट मंत्री आतिशी ने शराब घोटाले को लेकर आज रविवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि छह महीने से ईडी और सीबीआइ शराब घोटाले की जांच कर रही है। पहला आरोप है कि शराब कारोबारियों से 100 करोड़ लिए गए, उसे आम आदमी पार्टी ने गोवा में खर्च किए।

इस मामले में आरोपी राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को जमानत दे दी है और 85 पेज का आर्डर दिया है, इस आर्डर से साफ हो रहा है कि इस मामले में एक भी पैसे का घोटाला नहीं हुआ है।

ईडी के पास नहीं कोई सबूत

आतिशी ने कहा ईडी ने पहले 100 करोड़ का आरोप लगाया था, इसके बाद ईडी 30 करोड़ पर आ गई है। आरोप में कहा गया कि राजेश जोशी ने यह पैसा गोवा में पहुंचाया। इस पर कोर्ट ने कहा है कि इसका भी कोई प्रमाण नहीं मिला है। कहा गया कि पैसा हवाला की पर्चियों के माध्यम से लिया गया है। कोर्ट ने कहा है कि इसका कोई सुबूत ईडी के पास नहीं है।

नहीं हुआ कोई घोटाला, माफी मांगे भाजपा

आतिशी ने कहा दूसरा आरोप है कि 100 करोड़ रुपये गोवा चुनाव में खर्च किया गया है। ईडी ने पूरी जांच कर ली है, मगर पूरी जांच में उन्हें पता चला है कि गोवा चुनाव में केवल 19 लाख रुपये खर्च हुए हैं। अब भाजपा को माफी मांगनी चाहिए, भाजपा एक साल से 100 करोड़ का आरोप लगा रही है।

उन्होंने कहा कि यह साल से पहले भाजपा ने 100 करोड़ का आरोप लगाया इसके बाद ईडी ने भी यही आरोप लगाया है। ईडी की कार्रवाई के बारे में इस तरह भी पता चलता है कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन तोड़ दिए, मगर इस बारे में भी पता चलता है कि इसमें से सात फोन ईडी और सीबीआइ के पास ही हैं। कोर्ट की टिप्पणी के बाद साफ है कि कोई घोटाला नहीं हुआ है।

केजरीवाल से भी हुई थी पूछताछ

उल्लेखनीय है कि आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया समेत कई हाई-प्रोफाइल लोग जेल में हैं।  साथ ही जांच एजेंसी ने बीते महीने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पूछताछ के लिए बुलाया था, जहां उनसे करीब 9 घंटे लंबी पूछताछ की गई थी।

आबकारी नीति में हुई अनियमितता

ईडी और सीबीआइ का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ और कम किया गया।

इसके अलावा सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ाया गया। जांच एजेंसियों ने कहा कि लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को “अवैध” लाभ दिया और उनकी खाता बही में गलत प्रविष्टि की गई।

बता दें कि 4 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। वहीं, सीबीआइ इस मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल कर चुकी है।

नेशनल

FIR दर्ज होने के बाद फरार हुआ केजरीवाल का पीए विभव कुमार, पुलिस लगा रही लोकेशन का पता

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नई दिल्ली। स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस की टीम एक्शन में आ गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह एफआईआर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के अपराध से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज की गई। मालीवाल की ओर से कई पन्नों की शिकायत दर्ज कराने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। अब पुलिस इस मारपीट के मुख्य आरोपी विभव कुमार को तलाश रही है। हालांकि उसका कुछ पता नहीं चल रहा है। खबर है कि वो दिल्ली छोड़कर किसी अन्य राज्य में छुपा हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, जिस वक्त स्वाति के साथ मारपीट हुई उस वक्त अरविंद केजरीवाल भी घर के अंदर ही मौजूद थे। इसलिए दिल्ली पुलिस उनसे भी पूछताछ कर सकती है। दिल्ली पुलिस की टीम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर जा सकती है। दिल्ली पुलिस घटना के समय मौजूद पुलिसकर्मियों और स्टाफ के बयान दर्ज करेगी। दिल्ली पुलिस सीसीटीवी की भी जांच करेगी जो सीएम आवास के अंदर लगे हैं।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस विभव के घर पहुंची थी लेकिन वो घर पर नहीं था इसलिए टीम वापस लौट गई। विभव कहां हो सकता है पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है। आज महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन रैली है, पुलिस को शक है कि कहीं विभव महाराष्ट्र तो नहीं चला गया। पुलिस की करीब 10 टीम पूरे मामले की जांच में जुटी है, जिसमें चार टीम विभव का लोकेशन पता लगा रही है। वह अमृतसर में भी हो सकता है।

इससे पहले स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट मामले में पुलिस ने मालीवाल का बयान दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस की दो सदस्यीय टीम ने मालीवाल के आवास पर उनका बयान दर्ज किया। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मालीवाल ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई घटना के बारे में पुलिस को बताया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) पी एस कुशवाह के नेतृत्व में पुलिस टीम चार घंटे से अधिक समय तक मालीवाल के आवास पर रही।

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