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अन्तर्राष्ट्रीय

मिशन चंद्रयान-3: अब रह सकेंगे ‘मामा’ के घर, NASA के पूर्व अधिकारी का दावा   

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former top NASA official mike gold said on Mission Chandrayaan-3

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नई दिल्ली। अंतरिक्ष जगत में भारत आज इतिहास रचने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मिशन चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की सतह पर ‘साफ्ट लैंडिंग’ करेगा। पूरी दुनिया इस पल का इंतजार कर रही है।

इसी क्रम में, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी माइक गोल्ड ने कहा कि चंद्रयान-3 में महत्वपूर्ण आंकड़े एकत्र करने की अपार क्षमता है और यह चंद्रमा को समझने में अहम योगदान देगा। वह भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष साझेदारी के चंद्रमा पर आगे बढ़ने पर बात कर रहे थे।

ऐसे बसेंगे घर

रेडवायर स्पेस के मुख्य विकास अधिकारी माइक गोल्ड ने कहा कि आंकड़े संसाधनों का उपयोग करने की क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके परिणामस्वरूप चंद्रमा पर घर बसाए जाएंगे।

कौन हैं माइक गोल्ड

बता दें, माइक गोल्ड नासा में अंतरिक्ष नीति और साझेदारी के पूर्व सहयोगी प्रशासक थे। यह नाम अंतरिक्ष से जुड़े वैज्ञानिकों का एक जाना-माना नाम हैं। इतना ही नहीं, यह आर्टेमिस रिकॉर्ड के वास्तुकार भी माने जाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने चांद पर पहुंचने के लिए कई योजनाओं और रूपरेखा को तैयार किया है।

खुद में एक बड़ी सफलता

पूर्व अधिकारी ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा, जिससे हम चांद को समझ सकेंगे। इसकी मदद से ही हम यह पता लगा सकेंगे कि चांद पर किस जगह लोगों को बसाया जा सकता है। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि मिशन सफल हो न हो, लेकिन यह अपने आपमें एक बड़ी सफलता है।

पृथ्वी पर भी दोनों एजेंसियों की निगाहें

माइक गोल्ड ने कहा कि हमारा सहयोग चांद तक ही सीमित नहीं है। फिलहाल, नासा और इसरो के साथ हमारा अधिकांश सहयोग पृथ्वी पर केंद्रित है, जैसे एनआईएसएआर जैसी परियोजनाएं, जहां भारत के साथ हम रडार सिस्टम बनाने जा रहे हैं जो पृथ्वी का अध्ययन करने में सक्षम होंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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