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मेरठ मोदी और बीजेपी के लिए लक्की चार्म, 2014 में भी पीएम ने यहीं से रैली की शुरुआत की थी

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कमल भार्गव

मेरठ। कहा जाता है या फिर माना जाता है कि सत्ता के गलियारे का रास्ता खेत खलियान से हो कर जाता है। ये उदाहरण दिल्ली की सत्ता के लिए इस लिए महत्व रखता है क्यों कि राजनीतिक पार्टी कोई भी हो हर किसी के लिए उत्तर प्रदेश खास महत्व रखता है। पहला कारण देश का सबसे बड़ा राज्य तो दूसरा कृषि प्रधान क्षेत्र या फिर यूं कहे प्रदेश। इससे ऊपर एक वजह और है मौजूदा सत्ताधारी पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अपना लक्की चार्म या फिर टोटका मानती है।

पिछले दो लोक सभा चुनावों में बीजेपी ने केन्द्र की सत्ता में आने के लिए पार्टी के चुनाव की आगाज मेरठ से ही की थी। 2014 के लोक सभा के चुनाव के लिए नरेन्द्र मोदी ने अपनी पहली रैली मेरठ में ही की थी। इस वर्ष भी मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव पहले और दूसरे चरण के में हुए थे। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 27 में 24 सीटो पर अपनी जीत दर्ज की थी। कहा जा सकता है कि नरेन्द्र मोदी पहले और दूसरे चरण में ही अपनी पार्टी को बढ़त दिलाने में कामयाब रहे थे।

इसी प्रकार अगर बात वर्ष 2019 की कर तो इस चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने अपना जीत का परचम लहराया था। गौर करने वाली बात यह है कि इन चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली चुनावी रैली मेरठ की क्रांतिधरा में करके ये साबित कर दिया था कि अगर चुनाव की शुरूआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश खास तौर से मेरठ से होती है तो उसका अंजाम विजयी ही होता है। हालांकि इस बार के चुनाव में बीजेपी केवल 19 ही सीटो पर अपना प्रत्याशी जीता पा पाई थी लेकिन केन्द्र में पूर्ण बहुमत की सरकार दोबारा बनाने में कामयाब रहे थे।

सन 2014 के लोक सभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 80 सीटो में से 71 पर जीत का परचम लहराया था। इसी प्रकार 2019 के आम चुनाव में भगवा पार्टी ने 62 सीटो पर जीत हासिल कर केन्द्र में बहुमत की सरकार बनाई थी। अब बात 2024 की करें तो, इस बार पार्टी ने आवाज दी है कि अब की बार 400 पार। ऐसे में कहा जा सकता है कि बीजेपी एक बार फिर अपने टोटके का इस्तेमाल करना नहीं भूली है।

रविवार को मेरठ में हुई रैली में नरेन्द्र मोदी ने ना सिर्फ किसानों पर निशाना साधा है बल्कि इस जाट लैंड पर भी चौधरी चरण सिंह को दिए गए भारत रत्न को भी भुनाने की कोशिश की है। पिछले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के साथ राष्ट्रीय लोक दल नहीं था लेकिन इस बार समीकरण बदला हुआ है। एक तो राष्ट्रीय लोक दल यानी किसानों की पार्टी से गठबंधन और ऊपर से किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजना जाना कहीं ना कहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अलग हलचल बनाए हुए है। इस रैली से नरेन्द्र मोदी ने एक नहीं बल्कि कई लोक सभा सीटे जिसमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, कैराना, सहारनपुर, बागपत, नगीना, गाजियाबाद लोक सभा सीटे शामिल पर चुनावी धार देने की कोशिश की है। गौर करने वाली बात ये है कि रविवार को आयोजित की गई सभा को कोई रैली या फिर चुनावी सभा का नाम दिया गया है बल्कि इसका आयोजन भारत रत्न चौधरी चरण सिंह गौरव समारोह के तौर पर किया गया है।

रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीकार किया कि उनका और उनकी पार्टी का इस शहर से अलग नाता है। वर्ष 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव की शुरुआत मेरठ से की थी। बीते वर्षों में भी चुनाव का शंखनाद मेरठ से किया था। इस बार के चुनाव का बिगुल भी इसी शहर यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही हो रहा है। 2024 के चुनाव ले लिए पहले रैली की गई है। कहा जा सकता है कि तीसरे कार्यकाल के लिए नरेन्द्र मोदी अपने टोटके को छोड़ना नहीं चाहते है। इस बार बीजेपी का लक्ष्य है कि वो उत्तर प्रदेश की 80 में 80 सीटो पर अपनी जीत दर्ज करें।

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नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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