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जन्मदिन पर संगठन की थाह लेंगी मायावती, निगाहें मिशन 2017 पर

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जन्मदिन पर संगठन की थाह, बसपा की मुखिया मायावती, मिशन 2017, राजधानी लखनऊ में एक बड़ी रैली

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विद्या शंकर राय

लखनऊ| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती 15 जनवरी को अपने जन्मदिन के मौके पर एक तरफ जहां संगठन की थाह लेंगी, वहीं दूसरी तरफ 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज भी करेंगी। बसपा सूत्रों की मानें तो मायावती के जन्मदिन पर पार्टी की कोशिश राजधानी लखनऊ में एक बड़ी रैली आयोजित करने की है। जिससे माध्यम से विरोधी पार्टियों को चुनाव से पहले पार्टी की ताकत का अहसास कराया जा सके। बसपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “जन्मदिन के कार्यक्रमों व रैली की तैयारियों की समीक्षा के लिए मायावती के अगले सप्ताह लखनऊ आने की संभावना है। लखनऊ पहुंचने के बाद वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, जोनल को-ऑर्डिनेटर तथा अन्य प्रमुख लोगों के साथ बैठक कर तैयारियों को अंतिम रूप देंगी।”

सूत्रों की मानें तो सभी जोनल को-ऑर्डिनेटरों को अनिवार्य रूप से बैठक में मौजूद रहने की हिदायत है। बसपा प्रदेश इकाई की हर महीने की 10 तारीख को मासिक बैठक होती है। इसमें मायावती कामकाज की समीक्षा कर आगे के लिए निर्देश देती हैं। उनके न आने पर पार्टी के शीर्ष नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर जैसे नेता मासिक बैठकों में समीक्षा करते हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राज्यभर ने बातचीत के दौरान बताया कि इस बार जन्मदिन कार्यक्रम, रैली, विधानसभा और विधान परिषद के चुनाव आदि अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है, इसलिए उम्मीद है कि वह इस बैठक में रहेंगी। हालांकि अभी उनके आने की कोई सूचना नहीं मिली है।

उन्होंने कहा, “बहनजी के जन्मदिन को लेकर तैयारियां चल रही हैं। 10 तारीख को होने वाली मासिक बैठक में इसकी भी समीक्षा की जाएगी, इसके बाद ही आगे की योजना बनाई जाएगी।” राम अचल राज्यभर ने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन के मौके पर लखनऊ में किस मैदान में रैली होगी, यह तय नहीं हुआ है। कुछ जगहों के नाम प्रशासन को भेजे गए हैं, जिन पर अनुमति मिलने के बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इधर, सूत्रों का कहना है कि मायावती के जन्मदिन पर राजधानी में होने वाले जमावड़े के लिए जोनल को-ऑर्डिनेटरों के साथ-साथ जिला अध्यक्षों को भी निर्देश दिया गया है। पार्टी में बूथ इकाइयों के गठन की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों को लखनऊ लाने को कहा जा रहा है।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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