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जबलपुर के अस्पताल में लगी भीषण आग, अब तक 10 लोगों की मौत; कई झुलसे
जबलपुर। मप्र के जबलपुर शहर के न्यू लाइफ स्पेशिलिटी अस्पताल में आग लगने से अब तक 10 लोगों की मौत होने की खबर है। आग में करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोग झुलस भी गए हैं। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार इस आग में कई मरीज जिंदा ही जल गए हैं।
कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया है। आग लगने से अस्पताल में अफरातफरी का माहौल काफी देर तक बना रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि करीब 7 लोगों के शव को अस्पताल से निकाला गया है, जिसे उन्होंने अपनी आंखों से देखा है। अब तीन अन्य लोगों के मौत की भी खबर है।
अस्पताल में कितने मरीज भर्ती थे इसकी जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। इस अस्पताल में करीब 100 लोगों का स्टाफ है। हालांकि कुल कितनी मौतें हुई हैं उसपर अभी संशय बना हुआ है। कहा जा रहा है कि हताहतों की संख्या अभी बढ़ सकती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस घटना का पता उस वक्त चला जब कुछ लोग दमोह नाका से निकल रहे थे और उन्होंने अस्पताल में आग देखी। लोगों ने उस वक्त चीख-पुकार भी सुनी।
इसके बाद इन लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और फायरब्रिगेड को दी लेकिन आग इतनी भीषण थी कि जब तक फायरब्रिगेड और पुलिस मौके पर पहुंचती, तब तक चारों तरफ फैल गई थी। बताया जा रहा है कि आग इतनी भयानक थी कि फायर ब्रिगेड के जवान उसे काबू नहीं कर पा रहे थे। अस्पताल में बिजली का कनेक्शन काटा गया। जिसके बाद इस भयानक आग पर काबू पाई जा सकी है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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