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पंजाब

शहीद कांस्टेबल कुलदीप सिंह का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

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अमृतसर। फगवाड़ा में बीती रात शहीद हुए सिपाही कुलदीप सिंह के पैतृक गांव में सुबह से ही शोक की लहर छाई रही जहां आज शाम कुलदीप सिंह उर्फ ​​कमल का शव गांव पहुंचा तो हर आंख नम थी। कुलदीप पुलिस में तैनात होने के साथ ही परिवार का इकलौता बेटा था जिसकी सोशल मीडिया स्टार के रूप में भी अलग पहचान थी. 10 साल की उम्र और अपने पिता की मृत्यु के बाद 2017 में उसे अपने पिता की जगह पुलिस में नौकरी मिली। परिजनों और ग्रामीणों ने कहा कि शहीद कुलदीप सिंह काफी नेक और अच्छे स्वभाव के थे, वहीं परिवार ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से राज्य में तेजी से बढ़ते जा रहे गैंगस्टर कल्चर को नकेल डालने की अपील की। कुलदीप सिंह बाजवा की मृत्यु के बाद उसके परिवार में केवल उसके वृद्ध दादा और मां ही रह गए. इकलौते बेटे को विदाई देते समय कुलदीप के बूढ़े दादा और मां का हाल देखा नहीं जा रहा था। पंजाब पुलिस यूनिट ने शहीद कुलदीप सिंह को सलामी दी वहीं पंजाब पुलिस के एडीजीपी ईश्वर सिंह शहीद कुलदीप सिंह की शहादत को नमन करने खुद वहां पहुंचे थे।

कल फगवाड़ा में लुटेरों से मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस कांस्टेबल कुलदीप सिंह का देर शाम उनके पैतृक गांव शाहपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया. कुलदीप सिंह के मेरे भाई और रिश्तेदार ने बताया कि शहीद कुलदीप सिंह का परिवार तीन पीढ़ियों से देश सेवा में अपना योगदान देता आ रहा है. शहीद के दादा हरभजन सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। शहीद के दिवंगत पिता करनैल सिंह भी पुलिस में कार्यरत थे, जिनकी 2016 में मृत्यु हो गई थी और जिनकी नौकरी शहीद कुलदीप सिंह को दी गई थी। उन्होंने बताया कि कुलदीप सिंह सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रियता और उसके फैंस की संख्या ‌ लाखों में थी यही नहीं वह समाज सेवा में भी अग्रणीय रहता था। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

वहीं एडीजीपी ईश्वर सिंह ने कहा कि कुलदीप सिंह की शहादत अतुलनीय है। पंजाब पुलिस ऐसे बहादुरों का सम्मान करती है पंजाब पुलिस का हर अधिकारी उसके परिवार के साथ खड़ा है।

 

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पंजाब

पटियाला: ऑनलाइन ऑर्डर किया केक खाने से 10 साल की बच्ची की मौत, घरवालों की मुश्किल से बची जान

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चंडीगढ़। पटियाला में 10 वर्षीय लड़की की ऑनलाइन आर्डर किया बर्थडे केक खाने से मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को कहा कि लड़की के परिवार के सदस्यों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 273 और 304-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया गया है कि जन्मदिन का केक खाने के बाद लड़की की मौत हो गई। केक खा कर परिवार के अन्य सदस्य भी बीमार पड़ गए।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “मौत का सही कारण जानने के लिए हम विसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।” बेकरी के मालिक के खिलाफ ‘लापरवाही से मौत का कारण बनने और विषाक्त भोजन सप्लाई करने’ के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। लड़की के जन्मदिन समारोह के लिए 24 मार्च को केक ऑनलाइन ऑर्डर किया गया था। परिवार के सदस्यों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें प्रारंभिक उपचार मिला, लेकिन 10 वर्षीय लड़की को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बेकरी का नाम और स्थान अज्ञात है, लेकिन पीड़ित परिवार ने इसके संचालन और उत्पादों की गुणवत्ता की गहन जांच की मांग की है। मृतका के दादा ने मीडिया को बताया कि परिवार ने 24 मार्च को शाम करीब छह बजे ऑनलाइन केक ऑर्डर किया था।

उन्होंने कहा, “रात करीब 11 बजे पूरा परिवार बीमार पड़ गया। दो छोटी बेटियों को उल्टियां होने लगीं। उस वक्त घर पर पांच लोग थे। सबसे छोटी बेटी की जान बच गई क्योंकि उसने केक उल्टी कर दी थी, लेकिन हमने दूसरी लड़की को खो दिया।” केक लड़की की मां काजल ने ऑर्डर किया था। बिल की कॉपी में पटियाला में पंजीकृत ‘केक कान्हा’ के जिस पते का उल्लेख है वहां इस नाम की कोई दुकान नहीं है।

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