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मुख्य समाचार

महाराष्ट्र: बढ़ता जा रहा है एकनाथ शिंदे का कारवां, उद्धव ठाकरे ने छोड़ा सरकारी बंगला

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एकनाथ शिंदे

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राजनीतिक उथल पुथल के बीच शिवसेना के बागी नेताओं की संख्या बढ़ती जा रहे है जिसके कारण इस पूरे पोलिटिकल ड्रामे के सूत्रधार एकनाथ शिंदे का कद बढ़ता जा रहा है।

दूसरी ओर, अपने सबसे बड़े राजनीतिक चक्रवात में घिरे शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे परिवार समेत बुधवार रात सरकारी बंगले ‘वर्षा’ को छोडकर निजी आवास ‘मातोश्री’ में चले गए।

वर्षा से निकलने से पहले उद्धव ने वहां मौजूद विधायकों से भावुक होकर कहा कि जो जाना चाहे, जा सकता है। इस दौरान भारी संख्‍या में शिवसैनिक मातोश्री के बाहर मौजूद रहे। समर्थकों ने ‘उद्धव तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं’ का नारा लगाया।

उद्धव के साथ उनके मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे, पत्‍नी रश्मि ठाकरे और दूसरे बेटे तेजस ठाकरे भी साथ रहे। इन सबके बीच संजय राउत ने बयान दिया कि उद्धव ठाकरे सीएम पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं।

संजय राउत ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं और वह सीएम बने रहेंगे। अगर हमें मौका मिला, तो हम सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित करेंगे।’

वहीँ, महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में राजनीतिक अस्थिरता के बीच शिवसेना के तीन और बागी विधायक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल पहुंचे। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे कई अन्य बागी विधायकों के साथ असम की राजधानी गुवाहाटी में ही हैं।

गवर्नर से संपर्क साध सकते हैं एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे खेमे के शीर्ष सूत्रों ने कहा है कि उन्हें शिवसेना में दो-तिहाई बहुमत (कम से कम 37 विधायक) का समर्थन प्राप्त है। शिंदे अपनी संख्या साबित करने के लिए राज्यपाल से संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद राज्यपाल उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।

नेशनल

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी।

दिल्ली में शराब नीति घोटाले से उपजे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया है। केजरीवाल पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कह चुके हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हर लोकतंत्र में जरूरी हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के समय उनकी गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है।

केजरीवाल ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कहा कि जिस तरह से उन्हें गिरफ्तार किया गया और जिस समय लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें गिरफ्तार किया गया, जब आचार संहिता लागू हो चुकी थी। इससे साफ है कि एजेंसी बिना किसी कारण के जानबूझकर उन्हें परेशान कर रही हैं। चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से ही उनकी गिरफ्तारी हुई है।

तिहाड़ जेल जाने के बाद केजरीवाल अपने स्वास्थ्य को लेकर भी जेल प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। उनका दावा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर जेल प्रशासन उन्हें इंसुलिन नहीं दे रहा है, जबकि वह लंबे समय से शुगर के मरीज हैं।

 

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