Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

चुनावी राज्यों में बदलाव, किशन रेड्डी तेलंगाना व बाबूलाल मरांडी झारखंड भाजपा अध्यक्ष नियुक्त

Published

on

BJP Change in electoral states

Loading

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने आज मंगलवार को संगठन में कई बड़े बदलाव किए। इसके तहत केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। एनटीआर की बेटी और तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की रिश्तेदार डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

इसके साथ ही पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी झारखंड और सुनील जाखड़ पंजाब के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसके अलावा एटाला राजेंदर को तेलंगाना भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष और आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी को राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।

पीएम मोदी-शाह और नड्डा ने की थी अहम बैठक

इससे पहले 28 जून को देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठक की थी। इस बैठक से भी पहले अमित शाह ने नड्डा, बीएल संतोष और आरएसएस के एक शीर्ष पदाधिकारी अरुण कुमार के साथ कम से कम पांच मैराथन बैठक की थी।

पांच, छह और सात जून को इन शीर्ष नेताओं ने भाजपा मुख्यालय पर लंबी बैठक कर पार्टी में बदलाव की रूपरेखा तैयार की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में इन बदलावों पर चर्चा हुई और पीएम ने बदलावों पर अपनी मुहर लगाई।

चुनावी राज्यों में बदलाव

बैठक में चुनावी राज्यों राजस्थान, मप्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना को लेकर भी चर्चा हुई थी। अटकलें थीं कि इन राज्यों से कुछ लोगों को सरकार में लाया जा सकता है तो कुछ मंत्रियों को बेहतर कामकाज के लिए संगठन में भेजा जा सकता है और हुआ भी कुछ ऐसा ही।

तेलंगाना में इस साल चुनाव होने हैं और वहां का जिम्मा केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को दिया गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल लोकसभा के सियासी संग्राम के साथ होने हैं, ऐसे में यहां पूर्व मुख्यमंत्री की रिश्तेदार पर दांव लगाकर भाजपा ने समीकरण साधने की कोशिश की है।

इस वजह से जरूरी हुआ बदलाव

जिस तरह विपक्षी दलों ने पटना में एकता बैठक कर भाजपा को चुनौती देने की कोशिश की, उससे भी पार्टी को अपनी चुनावी तैयारियों को दुबारा सही करने की जरूरत महसूस हुई। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों ने भी पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत बताई।

कांग्रेस ने जिस तरह विभिन्न राज्यों में मुफ्त चुनावी वादों से चुनावी समीकरणों में नया पेंच पैदा किया है, केंद्र सरकार के सामने उससे निपटना नई चुनौती हो गई है। बदलावों में इन सभी चुनौतियों से निपटने की रणनीति दिखाई दे रही है।

नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

Published

on

Loading

उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

Continue Reading

Trending