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भारतीय महिला का अफगानिस्तान में अपहरण

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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल, भारतीय महिला का अपहरण, 40 वर्षीय जुडिथ डिसूजा, आगा खां डेवलपमेंट नेटवर्क, वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार

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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल, भारतीय महिला का अपहरण, 40 वर्षीय जुडिथ डिसूजा, आगा खां डेवलपमेंट नेटवर्क, वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार

kidnap indian women in kabul today

काबुल/नई दिल्ली| अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में संदिग्ध आतंकवादियों ने एक भारतीय महिला का अपहरण कर लिया है। यह महिला एक गैर सरकारी संगठन में काम करती थी। भारतीय और अफगानी अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि महिला की पहचान 40 वर्षीय जुडिथ डिसूजा के रूप में की गई है।

वह काबुल में आगा खां डेवलपमेंट नेटवर्क में वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्यरत थीं। सूत्रों ने कहा कि जुडिथ संभवत: कोलकाता की हैं। उनका अपरहण गुरुवार देर शाम हुआ। फिलहाल किसी आतंकवादी समूह ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है।

सूत्रों के अनुसार, काबुल में भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी अफगान प्रशासन व सरकार के साथ संपर्क में हैं। दिल्ली के अधिकारी भी कोलकाता में महिला के परिवार के साथ संपर्क साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि महिला की रिहाई के लिए अफगान अधिकारियों द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

आगा खां फाउंडेशन ने भी आईएएनएस से इस बात की पुष्टि की है कि उसके एक कार्यकर्ता का अपहरण कर लिया गया है। फाउंडेशन ने हालांकि अपहृत महिला का नाम नहीं बताया है।

आगा खां फाउंडेशन के प्रवक्ता सैम पिकेन्स ने ईमेल पर भेजी प्रतिक्रिया में कहा है, “अधिकारियों ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है। संस्था के कार्यकर्ता की सुरक्षित रिहाई के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।” अपहरण की यह घटना भारतीय दूतावास द्वारा अफगानिस्तान में रहने वाले और यात्रा करने वाले अपने नागरिकों के लिए पिछले माह चेतावनी जारी करने के बाद हुई है।

चेतावनी के मुताबिक, “अफगानिस्तान में रहने वाले और यात्रा करने वाले सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि देश में सुरक्षा की स्थिति अत्यधिक अस्थिर बनी हुई है। यहां विदेशियों के खिलाफ आतंकवादी हमले हो रहे हैं और इनके जारी रहने की उम्मीद है। साथ ही यहां अपहरण और बंधक बना लेने का खतरा भी मौजूद है।”

एक तरफ अफगानिस्तान में भारतीय प्रतिष्ठानों को कई बार निशाना बनाया जा चुका है, और दूसरी ओर भारत ने अशांत देश के पुनर्निर्माण के लिए भारी निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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