प्रादेशिक
कश्मीर में सर्द, धुंध भरी सुबह
श्रीनगर| कश्मीर घाटी में बुधवार सुबह भी सर्द व धुंध भरी रही। बदलों व सूरज के बीच लुकाछिपी चली, जिस वजह से श्रीनगर को ठंड से कोई राहत नहीं मिली। स्थानीय मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक राज्य में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना जताई है। शुष्क मौसम ने कश्मीर घाटी में ठंड बढ़ा दी है। घाटी में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे पहुंच गया है और लोगों को देर तक घरों में दुबके रहने के लिए मजबूर कर दिया है।
श्रीनगर में बुधवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यहां स्थानीय मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “श्रीनगर शहर में हल्के कुहासे के बीच आसमान मुख्यतौर पर साफ रहेगा। दिन का अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किए जाने के आसार हैं।” पर्यटक स्थल गुलमर्ग में बुधवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 7.5 डिग्री और पहलगाम में शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। राज्य में शुष्क मौसम व रात में आसमान साफ होने की वजह से न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है।
लद्दाख क्षेत्र की थोइसे घाटी में बुधवर को न्यूनतम तापमान शून्य से 17 डिग्री व लेह कस्बे में शून्य से 13.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। लद्दाख क्षेत्र के करगिल कस्बे में न्यूनतम तापमान शून्य से नौ डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। जम्मू शहर में न्यूतनम तापमान 7.2 डिग्री दर्ज किया गया और दिन का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किए जाने का अनुमान है। मौमस विभाग ने कहा कि जम्मू क्षेत्र की अन्य जगह जैसे कटरा कस्बे में बुधवार को न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री, बटोत में 2.7 डिग्री, उधमपुर में 4.4 डिग्री, कठुआ में 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, बनिहाल में शून्य से 0.3 डिग्री व भदरवाह कस्बे में शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
प्रादेशिक
गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट
लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।
यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।
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