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क्या सच में मिल भी रहा है 10% सवर्ण आरक्षण या फिर आप धोखे में हैं? आंकड़े होश उड़ा देने वाले

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10% Reservation

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हाल ही में केंद्र सरकार द्वरा लाया गया सवर्ण आरक्षण बिल कई राज्यों में लागू हो चुका है। इसमें गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 18 जनवरी 2019 को एलान किया था कि 10% आरक्षण प्रदेश में बीते 14 जनवरी 2019 से ही लागू होगा। लेकिन क्या सच में नौकरी में आरक्षण मिल भी रहा है या आप धोखे में हैं।
राज्य सरकार के मंत्री व प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि केंद्रीय सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्रालय की 12 जनवरी, 2019 की अधिसूचना के माध्यम से 103 वें संविधान संशोधन के द्वारा सरकारी नौकरियों की सभी श्रेणियों तथा शैक्षिक संस्थाओं में गरीबों लिए अधिकतम 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

इन सबके बावजूद सरकारी नौकरी के लिए जब आवेदन किया जाता है तो उसमें कहीं भी 10% आरक्षण का जिक्र क्यों नहीं किया जाता। इसका एक नमूना है उत्तर प्रदेश की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती। इसमें चकबंदी अधिकारी से ले करके कई पदों पर भर्ती निकाली गई है।

इतना ही नहीं 30 तारीख 2019 को इसका आवेदन मांगा गया था। इसमे कमाल की बात तो ये है कि कहीं भी 10% आरक्षण का जिक्र तक नहीं किया गया। सभी तरह के आरक्षण को बताया गया लेकिन जिक्र सवर्ण आरक्षण की कोई चर्चा नहीं है। जब प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण को बीते 14 जनवरी से लागू कर दिया था तो कहीं लिखा तो होना चाहिए।

साथ ही इसमें एक कॉलम बना हुआ है जिसमें लिखा है ‘अनारक्षित।’ आखिर ये कॉलम किस जाति के लिए है इसको भी तो लिखना चाहिए। अगर ये अनारक्षित सवर्णों के लिए है तो आरक्षित सवर्णों की सूची बना कर उसका भी एक कॉलम होना चाहिए।

दूसरी बात आवेदन फीस की-

आवेदन फीस General से 225 रुपए लिए जा रहे हैं बाकी से 150 और 55 रुपए। लेकिन इसमें भी तो आरक्षण मिलना चाहिए ना। आर्थिक रूप से आरक्षण दिया गया है तो इसमें भी मिलना चाहिए। अगर पहले से आरक्षण लाग कर दिया गया है तो बताया जाए की किनको इसको फायदा मिला।

अमीर सवर्णों के साथ गरीब सवर्णों को भी तो यही फीस देना पड़ेगा।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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