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नेशनल

क्या भारत पर मंडरा रहा कोरोना की चौथी लहर का खतरा? हाइब्रिड वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता

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कोरोना वायरस के हाइब्रिड वेरिएंट या दो अलग-अलग वायरस के एक वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अलर्ट हो गया। इसकी बारीकी से निगरानी कर रहा है। पहले ऐसा कहा गया था कि ऐसा एक बार या बिरले ही हो सकता है। अब कहा जा रहा है कि दो या दो से अधिक मौजूदा वेरिएंट वाला वायरस हो सकता है। इस तरह के नए वेरिएंट से वे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं, जो पहले संक्रमित हो चुके हैं या जिन्हें टीका लगाया जा चुका है।

बारीकी से निगरानी की जरूरत

वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे वेरिएंट की बारीकी से निगरानी जरूरी है ताकि समय रहते इनसे बचाव के तरीकों पर काम किया जा सके। इस तरह के वेरिएंट में खतरनाक माने जाने वाले डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के लक्षण होते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और इस्राइल जैसे देशों में पहले ही कोविड मरीजों में इस तरह के वेरिएंट के मामले आ चुके हैं। हालांकि, भारत मे अभी तक इस तरह का कोई खास मामला सामने नहीं आया है।

चौथी लहर का खतरा

इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलीरी साइंसेज (ILBS) के वाइस चांसलर डॉ. एस.के. सरीन का कहना है कि देश में कोविड मरीजों से लिए गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि हमारी वायरोलॉजी लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग के हालिया नतीजों से पता चलता है कि अभी संक्रमण फैलाने वाले लगभग 98% वेरिएंट BA.2 हैं। बाकी BA1 हैं। ये दोनों ओमिक्रॉन के वेरिएंट हैं। डॉ. सरीन ने किसी भी तरह की लापरवाही को लेकर चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि नए वेरिएंट की समय पर पहचान के लिए निगरानी बनाए रखने की जरूरत है क्योंकि इससे महामारी की चौथी लहर आ सकती है।

सतर्क रहने की जरूरत

दुनियाभर में कोविड के मामले फिर से तेजी से बढ़ रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह उछाल ओमिक्रॉन के उप वेरिएंट बीए2 की वजह से है। भारत के शीर्ष वायरॉलजिस्टों में शुमार डॉ. गगनदीप कंग का कहना है कि तीसरी लहर के दौरान भारत में BA2 से ही ज्यादातर संक्रमण फैले। उन्होंने बताया, ‘इसकी संभावना कम है कि लोग वायरस के एक ही वेरिएंट से दोबारा संक्रमित होंगे। इसलिए हमें नए वेरिएंट को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।’

 

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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