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अन्तर्राष्ट्रीय

ईरान के राष्ट्रपति की चेतावनी- प्रदर्शन करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

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ईरान

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तेहरान। ईरान में सत्ता विरोधी प्रदर्शन ने सरकार को हिलाकर रख दिया है। हिजाब को जबरदस्ती थोपे जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन का यह मामला अब ईरान तक सीमित न होकर वैश्विक रूप ले चुका है। राष्ट्रपति इब्राहिम रसीदी ने विरोध प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी देते हुए हुए कहा कि जो लोग इन प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोगों की सुरक्षा ही इस्लामिक रिपब्लिक की रेड लाइन है। किसी को कानून का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा।

राष्ट्रपति रसीदी ने इस आंदोलन को लेकर अमेरिका पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, देश के दुश्मन हमारी एकता को खत्म करना चाहते हैं और आपस में लड़ाकर अपने मंसूबों को कामयाब करने में लगे हैं।

बता दें कि पुलिस कस्टडी में एक महिला महसा अमीनी की मौत के बाद लोग सड़को पर उतरे हैं। कुर्दिश महिला महसा को हिजाब गलत तरीके से पहनने के लिए पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। महिलाएं हिजाब को जबरदस्ती थोपे जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।

दूसरी ओर दुनियाभर में ईरानी महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ब्रिटेन में रहने वाली नाजानिन जघारी ने अपने बाल काटकर सोशल मीडिया पर शेयर किया। वहीं अमीनी के माता-पिता ने उनकी मौत के मामले में जांच की मांग की है। देश में विरोध  प्रदर्शनों को दैरान अब तक 76 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ईरानी प्रशासन का कहना है कि अमीनी की मौत किसी अत्याचार की वजह से नहीं बल्कि हार्ट अकैट से हुई थी।

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ईरान के विदेश मंत्री अमीर अबदुल्लाहियान ने यूएन की बैठक में कहा कि इस तरह का प्रदर्शन कोई बड़ी बात नहीं है। इसके बाद उन्होंने एक रेडियो चैनल पर कहा कि ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं होने वाला है। देश के लोगों की भावनाओं के साथ किसी को नहीं खेलना चाहिए।

विदेश मंत्री के इस बयान के बाद जर्मनी और स्पेन ने ईरानी राजदूतों को समन किया है। वहीं कनाडा ने प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। ईरान के दिवंगत शाह के बेटे ने कहा है कि इस्लामिक लीडरशिप को हटाने की कोशिश जरूरी है। रेजा पहलावी के पिता को 1979 में पद से हटा दिया गया था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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