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अन्तर्राष्ट्रीय

आर्थिक संकट से जूझ रहे मुस्लिम देश मिस्र का भारत ने दिया साथ, भेज रहा गेहूं

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India supports Egypt

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काहिरा। इस समय पाकिस्तान अकेला मुस्लिम देश नहीं है जो भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। एक और मुस्लिम देश मिस्र का हाल भी बुरा है जो दिन-प्रतिदिन बदतर होता जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि देश में महंगाई दर 24 फीसदी से ज्यादा की है और विदेशी कर्ज का बोझ 170 अरब डॉलर तक बढ़ गया है।

संकट की इस घड़ी में मिस्र के साथ सऊदी अरब और यूएई जैसे मुस्लिम देश भी नहीं खड़े हैं। इस संकट की घड़ी में मिस्र का हाथ भारत ने थामा है। मिस्र के खाद्यान संकट को दूर करने के लिए भारत भारी मात्रा में गेहूं मुहैया करवा रहा है।

ये संबंध इस बार गणतंत्र दिवस पर और अधिक पुख्ता हो जाएंगे जब मिस्र के राष्ट्रपति मुख्य अतिथी के रूप में समारोह में शिरकत करेंगे। भारत में इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद होंगे। वह मंगलवार को शाम 6 बजे दिल्ली पहुंचेंगे।

अल-सीसी बुधवार को पीएम मोदी के साथ वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति भवन में उनके स्वागत समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा दिल्ली-काहिरा के बीच रक्षा, कृषि, शिक्षा क्षेत्रों पर संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित है। सीसी शुक्रवार सुबह दिल्ली से रवाना होंगे।

मुस्लिम देशों ने मिस्र को अकेला छोड़ा

मिस्र को इस्लामिक दुनिया में एक उदारवादी और प्रभावशाली आवाज के रूप में देखा जाता है। वह कई बार आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा चुका है। मुस्लिम देशों के संगठन OIC (Organization of Islamic Cooperation) में मिस्र पाकिस्तानी नीतियों का समर्थन नहीं करता है।

मिस्र के संकट को लेकर देश के पतन की भी चेतावनी दी गई है। अब तक सऊदी अरब, यूएई जैसे खाड़ी देश ईरान के पर कतरने के लिए मिस्र के हाथ मजबूत कर रहे थे लेकिन अब यही काम इजरायल और अमेरिका मिलकर रहे हैं। इसलिए अरब दुनिया में मिस्र अकेला पड़ गया है, वह भी तब जब उसे मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है।

मिस्र में चावल भी हुआ खत्म

मिस्र के राष्ट्रपति भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि उनके ‘मित्र’ देश इस कठिन समय में उनका साथ नहीं दे रहे हैं। कुवैत जैसे देश मिस्र को मिलने वाली मदद का विरोध भी कर रहे हैं। लचर अर्थव्यवस्था, आसमान छू रही महंगाई और गेहूं की किल्लत के अलावा मिस्र गंभीर चावल संकट का भी सामना कर रहा है। कई कंपनियों में चावल का स्टॉक कम होता जा रहा है। लोग अब या तो खराब क्वालिटी का चावल खा रहे हैं या अपेक्षाकृत उसकी मात्रा को कम कर दिया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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