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ICSE और ISC के नतीजे घोषित, छात्राओं ने मारी बाजी

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नई दिल्ली। इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईसीएसई) की 10वीं तथा इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (आईएससी) की 12वीं कक्षा की परीक्षा में छात्रों को पछाड़कर छात्राओं ने बाजी मार ली है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। आईएससी में कोलकाता के आक्र्य चटर्जी ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया, वहीं कोलकाता के ही सौगत चौधरी ने आईसीएसई में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई)ने सोमवार को आईसीएसई का परिणाम घोषित कर दिया। सीआईएससीई के मुख्य कार्यकारी तथा सचिव गेरी एरथून ने कहा कि आईसीएसई की परीक्षा में लड़कों की तुलना में लड़कियों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। 98.95 फीसदी लड़कियां परीक्षा पास करने में सफल रही हैं, जबकि 98.12 फीसदी लड़के परीक्षा में सफल रहे हैं। आईएससी की परीक्षा में भी लड़कियों का प्रदर्शन बेहतर देखा गया। आईएससी की परीक्षा में 97.49 फीसदी लड़कियां सफल रही, वहीं 95.27 फीसदी लड़के सफल रहे।

कोलकाता के विवेकानंद मिशन स्कूल के आक्र्य चटर्जी ने आईएससी की परीक्षा में शीर्ष स्थान ( 99.75 फीसदी अंक) प्राप्त किया, वहीं कोलकाता के ही सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल के सौगत चौधरी ने आईसीएसई की परीक्षा में शीर्ष स्थान (99.75 फीसदी अंक) प्राप्त किया। इस साल आईसीएसई की परीक्षा में 158,833 विद्यार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से 88,209 छात्र (55.54 फीसदी) तथा 70,624 छात्राएं (44.46 फीसदी) थीं। जबकि आईएससी की परीक्षा में 71,141 विद्यार्थी शामिल हुए, जिनमें 38,659 छात्र (54.34 फीसदी) तथा 32,482 छात्राएं (45.66 फीसदी) थी।

आईसीएसई की परीक्षा में पास होने वाले विद्यार्थियों की प्रतिशतता 98.49 है, जबकि बीते साल यह 96.28 फीसदी थी। इस प्रकार इसमें 0.21 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं आईएससी में पास होने वाले विद्यार्थियों की प्रतिशतता 96.28 फीसदी है, जिसमें बीते साल की तुलना में 1.01 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। आईसीएसई की परीक्षा में दक्षिण भारत क्षेत्र से पास होने वाले छात्रों की प्रतिशतता सर्वश्रेष्ठ (99.66 फीसदी) है, जबकि इसके बाद पश्चिम क्षेत्र है, जहां 99.55 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं। इसी क्षेत्र में परीक्षा में सर्वाधिक (49.43 फीसदी) संख्या में छात्राएं शामिल हुईं।

उसी तरह, आईएससी की परीक्षा में भी दक्षिणी क्षेत्र के विद्यार्थियों ने सफलता का परचम लहराया, जहां 99.08 फीसदी छात्र परीक्षा में सफल रहे। इसके बाद पश्चिम क्षेत्र में 97.47 फीसदी छात्र परीक्षा में सफल रहे। इसके अलावा, आईएससी की परीक्षा में दक्षिणी क्षेत्र से सर्वाधिक (49.49) संख्या में छात्राएं शामिल हुईं।

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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