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मुख्य समाचार

IAS के हत्यारों को बेनकाब करने की जिम्मेदारी CBI को

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में सोमवार को राज्य सरकार ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। यह जानकारी प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने दी।

लखनऊ स्थित शास्त्री भवन में अरविंद कुमार ने कहा, “ये तय किया गया है कि इस मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर की जाएगी।”

अरविंद कुमार ने कहा कि किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा। कई बार शांति व्यवस्था की स्थिति इसलिए बिगड़ जाती है, क्योंकि लोगों का आरोप रहता है कि भेदभाव हुआ है। अब से डिस्ट्रिक्ट लेवल का अफसर शांति व्यवस्था बिगडऩे की स्थिति में जिम्मेदार होगा।

पत्रकार वार्ता में मौजूद डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा, “हम वैज्ञानिक आधार का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करेंगे। पिछले साल 15 करोड़ के उपकरण खरीदे गए। फॉरेंसिक साइंस एयर साइबर सेल को सुधारने के लिए हम प्रयासरत हैं।”

सहारनपुर घटना को लेकर सुलखान ने कहा कि सहारनपुर में दो अलग-अलग घटनाएं हुईं। एक अंबेडकर जयंती पर और दूसरा शब्बीरपुर गांव में हुई आगजनी। उसमें मुआवजा दिया गया है। उसके बाद से कोई ऐसी घटना नहीं हुई है। कई लोग जो अशांति फैलाना चाहते थे, वे गिरफ्तार हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि आईएएस अनुराग तिवारी के मौत के मामले में सोमवार को उनके परिजन सीएम योगी से मिलने पहुंचे। परिजनों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग रखी थी।

मुख्यमंत्री से मिलने के बाद आईएएस के परिजन एसएसपी से मिलने पहुंचे, जहां एसएसपी ने उनकी तहरीर ली और मामले में केस दर्ज करने के निर्देश दिए। अब इस मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।

गौरतलब है कि कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की 17 मई को संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। उनका शव लखनऊ के हजरतगंज में मीराबाई गेस्ट हाउस के पास सडक़ पर मिला था।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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