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होली : कन्फ्यूजन ने याद दिलाया ‘शोले’ का डायलॉग

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होली : कन्फ्यूजन ने याद दिलाया 'शोले' का डायलॉग

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होली : कन्फ्यूजन ने याद दिलाया 'शोले' का डायलॉग

लखनऊ। रंगों का त्योहार होली करीब आ चुका है। हर किसी पर रंगों की खुमारी छाने लगी है, लेकिन इस बार होली को लेकर सभी कन्फ्यूज है और इस कन्फ्यूजन को देखकर ‘शोले’ फिल्म का वह डायलॉग याद आता है, जब गब्बर पूछता है, “अरे ओ सांभा, होली कब है रे?” 

दरअसल, होली की छुट्टी 24 मार्च को है और लोग 23 मार्च को होली खेलने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं कि आखिर वह किस दिन होली खेलें?

क्या कहता है पंचांग?

अगर बात करें पंचांग की, तो उसमें होली खेलने की तारीख 24 मार्च है और यही तारीख सरकारी कैलेंडर में भी है। इसीलिए सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में होली की छुट्टी 24 मार्च को ही है। प्रशासन की शराब बंदी भी 24 मार्च को ही है।

घर नहीं जा पा रहे लोग :

होली की छुट्टी 24 मार्च को होने के कारण सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में काम करने वाले उन लोगों का घर जाना मुश्किल हो गया है, जो अपने शहर को छोड़कर लखनऊ में नौकरी कर रहे हैं।

हजरतगंज में एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे तुषार शर्मा ने कहा कि उनका घर शाहजहांपुर में है। हर बार वह होली अपने घर पर ही मनाते हैं। इस बार छुट्टी 24 को होने के कारण वो होली पर घर नहीं जा पाएंगे, क्योंकि उनके यहां होली 23 को खेली जाएगी।

ऐसा ही कुछ नम्रता का भी कहना है जो एक छात्रा हैं। उनके कॉलेज में भी 24 से छुट्टियां शुरू हैं और उनके घर में 23 को होली खेली जाएगी।

धर्माचार्यो के अनुसार, 22 और 23 मार्च की रात 2.30 बजे से पूर्णिमा तिथि लगेगी। इसके बाद ही होलिका दहन शुभ है। इसीलिए 23 मार्च को ही होलिका दहन होगा और होली खेली जाएगी।

237 साल बाद आया ऐसा योग :

22 मार्च को दोपहर 2.29 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। 22 और 23 मार्च की रात 2.30 बजे से पूर्णिमा तिथि लगेगी। हिन्दू पंचांग के हिसाब से ऐसा योग 237 साल बाद आया है। 24 मार्च से लेकर 27 मार्च तक सभी बैंक बंद रहेंगे।

होली के बाद 25 को गुड फ्राइडे है और 26 को महीने का चौथा शनिवार पड़ रहा है। इसके बाद 27 मार्च को रविवार है, इसलिए इस दिन भी आधिकारिक छुट्टी है।

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मध्य प्रदेश: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जेपी किरार की सड़क हादसे में मौत

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रायसेन। मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जयप्रकाश किरार की सड़क हादसे में मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जयप्रकाश किरार शनिवार-रविवार की दरमियानी रात अपने साथियों के साथ उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन कर रायसेन लौट रहे थे।

रायसेन के करीब सांची रोड पर ग्राम खानपुरा में उनकी कार का टायर पंचर हो गया था। जब वह इसे बदल रहे थे, तभी एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी।

इस हादसे में किरार गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जयप्रकाश किरार भाजपा के जिला अध्यक्ष रह चुके थे। वे मूल रूप से विदिशा के निवासी हैं। उनकी पत्नी भी अनीती किरार भी जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।

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