Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

CAA पर अब 6 दिसंबर को सुनवाई, सरकार की याचिकाओं को खारिज करने की अपील

Published

on

CAA

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर अब 6 दिसंबर को सुनवाई होगी। CJI (chief Judge of India) ने CAA मामले को उचित पीठ के समक्ष 6 दिसंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। बता दें कि सीजेआई 7 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। सीजेआई ने सरकार को असम और त्रिपुरा के संबंध में दायर याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने को समय दिया है।

यह भी पढ़ें

देश में सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए: दत्तात्रेय होसबाले

सियोल में हैलोवीन उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से 150 लोगों की मौत

दो या तीन मामलों को प्रमुख मामले के तौर पर सुना जाएगा ताकि मामले पर सुनवाई आसानी से की जा सके। इससे पहले सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि कुल 232 याचिकाएं हैं। केंद्र ने जवाब दाखिल कर दिया है और हमें असम और त्रिपुरा की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए। सीजीआई ने कहा कि ये मांग आखिरी मौके पर भी की गई थी।

हालांकि रविवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सीएए को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज करने की अपील करते हुए कहा कि इससे यह अवैध आव्रजन को बढ़ावा नहीं देता। बल्कि यह एक स्पष्ट कानून है जो केवल छह निर्दिष्ट समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है जो असम समेत देश में 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले आए थे। इस कानून से भविष्य में भी देश में विदेशियों का तांता लगने का खतरा नहीं है।

मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित, जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ के समक्ष केवल सीएए के मुद्दे पर 31 अक्टूबर को 232 याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जिनमें ज्यादातर जनहित याचिकाएं हैं।

इससे पहले, जस्टिस ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं को तीन न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाएगा। इस मुद्दे पर मुख्य याचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) ने दायर की थी।

गृह मंत्रालय ने दाखिल किया 150 पेज का हलफनामा

केंद्रीय गृह मंत्रालय के दाखिल किए गए 150 पेज के हलफनामे में कहा गया कि संसद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 245 (1) में प्रदत्त अधिकारों के तहत संपूर्ण भारत या उसके किसी भी हिस्से के लिए कानून बनाने में सक्षम है।

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुमंत सिंह के दायर हलफनामे में सभी याचिकाओं को खारिज करने की अपील की गई है। सीएए-2019 से भारत में 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता प्राप्त करने की सुविधा मिलती है।

यह सुविधा भी उनके लिए ही है जिन्हें पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 और अन्य संगत प्रविधानों और फारेन एक्ट, 1946 के तहत केंद्र सरकार से छूट हासिल है।

याचिका दायर करने वालों में ये नाम शामिल

याचिका दायर करने वाले अन्य महत्वपूर्ण लोगों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, राजद नेता मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।

मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद, आल असम स्टूडेंट्स यूनियन, पीस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, गैर-सरकारी संगठन ‘रिहाई मंच’, अधिवक्ता एमएल शर्मा और कानून के छात्रों ने भी इस अधिनियम को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

CAA, CAA in Supreme Court, CAA news, CAA latest news,

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending