Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

जुर्म

HC ने भी सत्येंद्र जैन को नहीं दी जमानत, कहा- जांच कर सकते हैं प्रभावित

Published

on

HC also did not give bail to Satyendar Jain

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने मामले में सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 30 मई को इस मामले में गिरफ्तार किया था।

क्या कहा कोर्ट ने

दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी कि निचली अदालत के फैसले में कोई गड़बड़ी नहीं है, लिहाजा जैन को राहत नहीं दी जा सकती है। खास बात यह है कि हाई कोर्ट ने यह मान लिया कि जांच के दौरान ऐसे सबूत मिले हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल चार कंपनियों में जैन और उनके परिवारों के जुड़ाव को दिखाते हैं।

हाई कोर्ट ने कहा कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जो बाहर जाकर जांच को प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि उसे निचली अदालत के फैसले में कोई कमी नजर नहीं आई।

सत्येंद्र जैन ने हाई कोर्ट से कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने तर्क दिया था कि मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद उन्हें कैद में रखने की जरूरत नहीं है।

बता दें आप नेता ने पिछले साल 17 नवंबर को निचली अदालत द्वारा दिए फैसले को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने अपराध में जैन की संलिप्तता के प्रथम दृष्टया संकेत मिलने के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था।

गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। सत्येंद्र जैन को एजेंसी ने साल 2022 में मई में गिरफ्तार किया था। तब से जैन जेल में ही हैं। जैन पर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप लगा है। उच्च न्यायालय ने ईडी और आप नेता के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

Published

on

Loading

कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

Continue Reading

Trending