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उत्तराखंड

अतिथि शिक्षकों को पूर्व सीएम हरीश रावत का समर्थन

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उत्‍तराखण्‍ड के अतिथि शिक्षकों को पूर्व सीएम हरीश रावत का समर्थन

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उत्‍तराखण्‍ड के अतिथि शिक्षकों को पूर्व सीएम हरीश रावत का समर्थन

पूर्व सीएम से मिले अतिथि शिक्षक

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अतिथि शिक्षकों से मिलने पहुंच गए हैं। शिक्षकों को अपना समर्थन देने पहुंचे हरीश रावत ने आश्वस्त किया है कि यदि एक दो दिन में समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो वह धरने पर बैठेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह अल्टीमेटम शुक्रवार को दिया था। जिसके बाद वह शिक्षकों से मिलने पहुंचे। ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्यपाल को भेजे पत्र में अतिथि शिक्षकों की समस्या का समाधान करने की मांग की है। हरीश रावत ने राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो सलाहकार चाहे उन्हें मंत्री के अधिकार दिए गए हांे, लेकिन वह निर्वाचित सरकार के फैसलों को बदल नहीं सकते हैं और न ही निर्वाचित सरकार के कैबिनेट मंत्री का स्थान ले सकते हैं। इसलिए शासन गलत कदम ना उठाए।

अतिथि शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में पूर्व सीएम हरीश रावत से मिला। हरीश रावत ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मामले में वह महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखकर समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे है। इससे पहले एक पत्र भेजा जा चुका है। उन्होंने अतिथि शिक्षकों को आश्वस्त किया कि एक दो दिन में अतिथि शिक्षकों की समस्या का समाधान नहीं निकलता है तो वह उनके साथ परेड ग्राउंड में सांकेतिक धरने पर बैठेंगे।

पत्र में रावत ने अवगत कराया है कि राज्य में पिछले कई वर्षों से दूरस्थ गांवों में स्कूलों व कॉलेजों में अध्यापक नहीं थे, इसलिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां की गई। शिक्षा में निरंतर आ रही गिरावट को समाप्त करने के लिए अधिकारियों और मंत्रिमंडल में व्यापक विचार विमर्श हुआ। अंततः यह निर्णय लिया गया कि शिक्षक विहीनता की स्थिति तभी समाप्त हो सकती है, जब ब्लॉक स्तर पर मेरिट बनाकर शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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