अन्तर्राष्ट्रीय
आतंकवादी हमले में पीकेके का हाथ होने की संभावना : दावुतोग्लु
अंकारा। तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लु ने सोमवार को कहा कि अंकारा में हाल में हुए आतंकवादी हमले में प्रतिबंधित कुर्दिश वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का हाथ हो सकता है। हमले में 37 लोग मारे गए थे। प्रधानमंत्री ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि इस हमले में मारे गए लोगों में से अब तक 35 की पहचान हुई है। इससे पहले तुर्की के आंतरिक मामलों के मंत्री ने बताया था कि अभी तक दोषियों की पहचान नहीं हो पाई है।
उन्होंने बताया कि 37 शवों में से एक हमलावर का है। दावुतोग्लु ने कहा कि विस्फोट के बाद जांच जारी है। हमले में कथित भूमिका के मद्देनजर 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि रविवार को अंकारा के किजिले जिले में बस स्टॉप के पास कार में विस्फोट हुआ था, जिसमें 37 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एरडोगन ने रविवार देर रात बताया, “क्षेत्र में उथल-पुथल की वजह से तुर्की आतंकवादी हमलों का केंद्र रहा है।” उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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