Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

योग एवं आयुर्वेद

कंधे, कमर व पीठ के दर्द का रामबाण इलाज है हलासन योग, और भी हैं फायदे  

Published

on

halasana yoga

Loading

नई दिल्ली। दिनभर बैठकर डेस्क वर्क करने से कंधे, कमर व पीठ में दर्द की शिकायत हो जाती है, साथ ही शरीर का पोस्चर भी बिगड़ जाता है। कई बार गलत तरीके से सो जाने के कारण भी सुबह उठने पर कंधे व हाथों में दर्द होने लगता है।

अक्सर कंधे पर भारी सामान उठाने, ज्यादा एक्सरसाइज करने से कंधे पर अत्यधिक खिंचाव के कारण मसल्स में तनाव बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। कंधों में दर्द के कारण उठने बैठने और कई कार्य करने में समस्या होती है। इस दर्द से निजात पाने के लिए योगासन रामबाण इलाज हो सकता है।

कंधों के दर्द से छुटकारा चाहते हैं तो हलासन योग का अभ्यास नियमित तौर से करें। हलासन के अभ्यास से कमर व छाती के हिस्से में रक्त प्रवाह बढ़ाता है और गले व गर्दन के तनाव को कम किया जा सकता है।

हलासन के अभ्यास का तरीका

स्टेप 1- हलासन के अभ्यास के लिए मैट पर पीठ के बल लेटकर हथेलियो को शरीर से सटा लें।

स्टेप 2- अब पैरों को कमर से 90 डिग्री का कोण बनाते हुए ऊपर उठाएं। इस दौरान हाथों से कमर को सहारा दे सकते हैं।

स्टेप 3- सांस अंदर की ओर खींचते हुए टांगों को सीधा रखें और सिर की तरफ झुकाएं। ऐसा करने से पैर सिर के पीछे हो जाएंगे।

स्टेप 4- पैर सिर के उतना पीछे ले जाने का प्रयास करें, जिससे पैरों के अंगूठे जमीन को छू सकें।

इस पोजिशन में कुछ देर स्थिर रहते हुए श्वास पर ध्यान केंद्रित करें।

हलासन योग के फायदे

इस आसन को करने से थायरॉयड ग्रंथि से संबंधित समस्याओं से निजात मिलता है।

कमर दर्द, सिर दर्द और इंसोम्निया की समस्या को कम किया जा सकता है।

रीढ़ की हड्डी और कंधों को खिंचाव मिलता है और दर्द कम होता है।

हलासन का अभ्यास तनाव और थकान को कम करने में सहायक है।

जिन लोगों को वजन कम करना है, उनके लिए हलासन का अभ्यास फायदेमंद है।

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए भी हलासन लाभकारी है।

डिसक्लेमर: उपरोक्त जानकारी के पूर्णतया सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योगगुरु से संपर्क कर सकते हैं।

Continue Reading

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

Published

on

By

workout for depression

Loading

नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

depression, workout for depression, workout for depression news,

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

Continue Reading

Trending