Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

जम्मू-कश्मीर

तहरीक-ए-हुर्रियत पर लगा प्रतिबंध, कश्मीर में इस्लामिक शासन लागू करना चाहता है यह संगठन

Published

on

government ban jammu kashmir tehreek-e-hurriyat under UAPA

Loading

नई दिल्ली। सरकार ने जम्मू कश्मीर के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत पर प्रतिबंध लगा दिया है। UAPA (Unlawful Activities prevention act) कानून के तहत यह कार्रवाई की गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह जानकारी दी।

गृहमंत्री ने बताया कि यह संगठन गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है और जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करके राज्य में इस्लामिक शासन स्थापित करना चाहता है। तहरीक ए हुर्रियत का गठन भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया था।

अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी जानकारी

गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक पोस्ट में बताया कि ‘तहरीक ए हुर्रियत, जम्मू कश्मीर को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति के तहत कोई भी व्यक्ति या संगठन अगर भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा तो उसे नेस्तानाबूत कर दिया जाएगा।’

साल 2021 में तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष का हो गया था निधन

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने साल 2004 में तहरीक ए हुर्रियत का गठन किया था। गिलानी के बाद तहरीक ए हुर्रियत के अध्यक्ष मुहम्मद अशरफ सेहराई थे, जिनका भी साल 2021 में निधन हो गया।

यह संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का सहयोगी संगठन है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर के 26 संगठनों का समूह है, जिसका गठन 1993 में किया गया था। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में कई ऐसे संगठन शामिल हैं, जो पाकिस्तान समर्थक और अलगाववादी माने जाते हैं।

इनमें जमात-ए-इस्लामी, JKLF और दुखतरान-ए-मिल्लत आदि का नाम शामिल है। साल 2005 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस दो धड़ों में बंट गया। इसके नरमपंथी गुट का नेतृत्व मीरवाइज उमर फारुख को मिला। वहीं चरमपंथी गुट का नेतृत्व सैयद अली शाह गिलानी ने किया।

 

जम्मू-कश्मीर

जम्मू कश्मीर: नेशनल कॉन्फ्रेंस को झटका, भाजपा में शामिल हुईं पूर्व एमएलसी डॉ. शहनाज गनई

Published

on

Jammu Kashmir former MLC Dr. Shahnaz Ganai joins BJP

Loading

जम्मू। नेशनल कांफ्रेंस की पूर्व एमएलसी डॉ. शहनाज गनई सोमवार को भाजपा में शामिल हो गई हैं। नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं जम्मू कश्मीर के पार्टी प्रभारी तरुण चुघ, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने उनका भाजपा में स्वागत किया। भाजपा नेताओं ने अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए उनके काम की सराहना की।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शहनाज गनई का भाजपा में जाना नेशनल कांफ्रेंस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वह नेशनल कॉन्फ्रेंस की पूर्व एमएलसी रह चुकी हैं। वह जम्मू संभाग के जिला पुंछ की रहने वाली हैं। शहनाज नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री गुलाम अहमद गनई की पुत्री हैं। उनकी पीर पंजाल क्षेत्र में पकड़ है।

2013 में पंचायत कोटा के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद के लिए चुनी गईं और 2018 में अपना कार्यकाल पूरा किया। गनई ने साल 2019 में नेकां से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही वह कई बार मोदी सरकार की योजनाओं के पक्ष में खड़ी नजर आईं थीं और इनके लिए मोदी सरकार की सरहाना कर चुकी हैं।

भाजपा में शामिल होने के दौरान शहनाज गनई ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के विकासात्मक प्रयासों ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर क्षेत्र वर्तमान में बड़े पैमाने पर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है क्योंकि शांति और विकास गतिविधियों ने नई गति पकड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘मैं आज इस भाव के लिए भाजपा नेतृत्व का बहुत आभारी हूं। मैं पीएम मोदी के विकासात्मक प्रयासों से बहुत प्रेरित हूं। देश बड़े पैमाने पर बदलाव देख रहा है जिसमें महिलाओं और किसानों का सशक्तिकरण शामिल है।

साथ ही जम्मू-कश्मीर में शांति और विकासात्मक गतिविधियों ने नई गति पकड़ी है। पर्यटन गतिविधियां बढ़ रही हैं और पहाड़ी समेत अन्य समुदायों को आरक्षण का लाभ मिला है।’ उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग आगामी संसदीय चुनावों में भाजपा को जीत दिलाने के लिए उत्सुक हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हैट्रिक मिलेगी।

Continue Reading

Trending