प्रादेशिक
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए CMS के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक-प्रबन्धक डाॅ. जगदीश गाँधी को शनिवार ताज सिटी सेन्टर, गुरूग्राम में आयोजित ‘नार्थ एजुकेटर्स समिति’ में लाइफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह जानकारी सिटी मोन्टेसरी स्कूल के जन-सम्पर्क अधिकारी ऋषि खन्ना ने दी।
ऋषि खन्ना ने बताया कि शिक्षा जगत में पिछले 59 वर्षों में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए एजुकेशन टुडे द्वारा डाॅ. गाँधी को इस महत्वपूर्ण अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि सी.एम.एस. की विशिष्ट एवं अनूठी शिक्षा पद्धति के कारण सी.एम.एस. के छात्र-छात्रायें विगत कई वर्षों से एक ओर जहां राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ रिजल्ट देते आ रहें हैं तो वही दूसरी ओर देश एवं दुनिया के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए सिटी मोन्टेसरी स्कूल का नाम रोशन कर रहें हैं।
ऋषि खन्ना ने बताया कि डाॅ. जगदीश गाँधी के द्वारा सिटी मोन्टेसरी स्कूल में लागू की गई अनूठी एवं विशिष्ट शिक्षा पद्धति को आज न केवल देश के कई स्कूलों में बल्कि विश्व के कई अन्य देशों के स्कूलों में भी अपनाया जा रहा है। इसके लिए विश्व के कई देशों के शिक्षकों का दल समय-समय पर सी.एम.एस. की अनूठी एवं विशिष्ट शिक्षा पद्धति का अध्ययन करने के लिए लखनऊ आता रहता है। अभी हाल ही में थाईलैण्ड का एक 17 सदस्यीय शिक्षकों का दल सी.एम.एस. की शिक्षा पद्धति का अध्ययन करने के लिए लखनऊ आया था।
उन्होंने बताया कि विगत 59 वर्षों से सिटी मोन्टेसरी स्कूल अपनी विशिष्ट एवं अनूठी शिक्षा पद्धति के माध्यम से न केवल बच्चों को मानव जाति का गौरव एवं धरती पर ईश्वर का प्रकाश फैलाने वाले नागरिक तैयार कर रहा हैं बल्कि देश की महान ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की संस्कृति एवं सभ्यता के अनुरूप सारे विश्व में एकता एवं शांति की स्थापना के लिए भी प्रयासरत् हैं।
प्रादेशिक
गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट
लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।
यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।
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