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उत्तर प्रदेश

योगी मंत्रिपरिषद के लिए फार्मूला हुआ तय, सीएम के साथ 45 मंत्री ले सकते हैं शपथ, नामों पर मंथन जारी

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योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों के चयन को लेकर भगवा खेमे में मंथन जारी है। 25 मार्च की शाम चार बजे अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में होने वाले भव्य शपथ ग्रहण समारोह में योगी के साथ करीब 45 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। हालांकि इन चेहरों के चयन को लेकर पार्टी में मैराथन कवायद चल रही है। चुनाव जीतने वाले 255 में से करीब सवा सौ विधायकों का पूल बनाया गया है।

यूपी का चुनावी रण जीतने के बाद भाजपा मिशन-2024 को लेकर बेहद उत्साहित है। पार्टी ने इस मिशन के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। टीम योगी का चयन भी इसी कवायद का हिस्सा है। पार्टी चेहरों का चयन बेहद सोच-समझ कर ही कर रही है।

कुछ चेहरे प्रदेश नेतृत्व की पसंद हैं तो कुछ को दिल्ली दरबार हर हाल में सरकार में चाहता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सवा सौ विधायकों का जो पूल बनाया गया था,उसमें से करीब 70 नामों पर दिल्ली में मंथन के बाद सहमति बनी है। इन्हीं नामों में से 45 के करीब चेहरों का चयन किया जा रहा है।

2017 की तुलना में बदली हैं स्थितियां

दरअसल, इस बार पार्टी के सामने 2017 की तुलना में परिस्थितियां भी कुछ भिन्न हैं। तब पार्टी बदलाव के लिए लड़ी थी और इस बार ठहराव के लिए। पहले से ज्यादा विकल्प भी उपलब्ध हैं। पहले कार्यकाल में मंत्री पद पाने वालों का रिपोर्ट कार्ड भी नेतृत्व के सामने हैं। प्रशासनिक अनुभव वाले कई चेहरे भी इस बार हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेशनल्स के विकल्प भी हैं। यूपी की जीत के बाद चुनावी समीक्षा का निचोड़ भी उपलब्ध है कि 2024 को लेकर किन प्रयोगों को आगे बढ़ाना है।

बेटे-बेटियों का समायोजन मुश्किल

पीएम मोदी के सख्त रुख के बाद पार्टी नेताओं, सांसद-विधायकों के लाडलों को भी मंत्री पद मिलना संभव नहीं नज़र आ रहा है। क्षेत्रीय और सामाजिक गुणा-गणित के साथ ही बेहतर छवि वाले चेहरों को ही टीम योगी में जगह दिए जाने पर फोकस है। ऐसे में टीम योगी का इस बार पहले से पूरी तरह अलग दिखना तय माना जा रहा है।

धामी मॉडल ने जगाई केशव समेत कई की उम्मीदें

उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुने जाने के साथ ही यूपी में भी राजनैतिक हलचलें तेज हो गई हैं। सबसे ज्यादा चर्चा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकार में बने रहने को लेकर रही। हालांकि उनके सरकार में बने रहने की संभावनाएं पहले से ही बनी हुई हैं। इसके अलावा कई प्रदेश पदाधिकारी भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं, जिनमें से कुछ विधान परिषद के सदस्य भी हैं।

इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर है। इसे लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मंथन और जोर आजमाइश का सिलसिला चल रहा है। इस बीच प्रदेश के राजनैतिक हलकों में यह सवाल तैरने लगा है कि क्या धामी मॉडल यूपी में भी लागू होगा।

चुनावी वैतरणी पार करने से चूके कई मंत्रियों और उनके करीबियों की उम्मीदें भी इस मॉडल ने जगा दी हैं। सिर्फ यही नहीं कई ऐसे मंत्री भी फिर वापसी को लेकर सक्रिय हैं, जिनकी परफारमेंस को लेकर पहले कार्यकाल में भी सवाल उठ रहे थे। पश्चिम से आने वाले विधान परिषद कोटे के एक मंत्री फिर वापसी चाहते हैं।

हालांकि मुजफ्फरनगर-शामली में पार्टी का प्रदर्शन भी उनका पीछा कर सकता है। प्रतापगढ़ से आने वाले एक अन्य मंत्री भी बने रहने को प्रयासरत हैं। उन्हें लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हैं। इसके अलावा भाजपा के कई प्रदेश पदाधिकारी भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव: दूसरे चरण में यूपी की इन आठ सीटों पर मतदान जारी

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज यूपी की आठ सीटों पर मतदान चल रहा है। अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा में शाम छह बजे तक वोट पड़ेंगे।

चुनाव के लिए सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुबह से लोग मतदान करने के लिए कतारों में देखे जा रहे हैं। आठ लोकसभा सीट के 1.67 करोड़ मतदाता 91 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिसमें 10 महिला प्रत्याशी हैं। गौतमबुद्ध नगर व मथुरा सीट पर सर्वाधिक 15-15 और बुलंदशहर में सबसे कम छह प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछले चुनाव में इन आठ सीटों में से सात भाजपा और एक बसपा की झोली में गई थीं।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूसरे चरण में यूपी में 1,67,77,198 मतदाता हैं। इसमे 90,26,051 पुरुष, 77,50,356 महिला और 791 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। सबसे अधिक मतदाता गाजियाबाद में 29.45 लाख और सबसे कम बागपत में 16.53 लाख हैं। कुल 17704 पोलिंग बूथ में 3472 संवेदनशील हैं।

मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए आयोग द्वारा 3 विशेष प्रेक्षक, 8 सामान्य प्रेक्षक, 5 पुलिस प्रेक्षक तथा 12 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 1451 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 190 जोनल मजिस्ट्रेट, 222 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 1599 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।

चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए 4213 भारी वाहन, 3251 हल्के वाहन तथा 79338 मतदान कार्मिक लगाए गए हैं। चुनाव में मतदान के लिए 17230 ईवीएम की कंट्रोल यूनिट, 17331 बैलट यूनिट तथा 17443 वीवीपैट तैयार किए गए हैं। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी अर्द्ध सैनिक बलों को दी गई है।

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