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अन्तर्राष्ट्रीय

तुर्की के पूर्व वायुसेना कमांडर का तख्तापलट में भूमिका से इनकार

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तुर्की के पूर्व वायुसेना कमांडर का तख्तापलट में भूमिका से इनकार

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तुर्की के पूर्व वायुसेना कमांडर का तख्तापलट में भूमिका से इनकारअंकारा| तुर्की के पूर्व वायुसेना कमांडर ने शुक्रवार को हुए सैन्य तख्तापलट में अपनी संलिप्तता से इनकार कर दिया। बीबीसी ने समाचार एजेंसी एनादोलु के हवाले से बताया कि जनरल अकिन ओजतुर्क और 26 वरिष्ठ अधिकारियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया है और उन्हें सोमवार को अदालत ने हिरासत में भेज दिया।

अभियोजकों ने बयान में कहा, “मैं ऐसा शख्स नहीं हूं जो तख्तापलट की योजना बनाऊं।”

जनरल ओजतुर्क ने अंकारा में अदालत के समक्ष कहा, “मुझे नहीं पता कि किसने यह योजना बनाई। मेरे अनुभवों के आधार पर मुझे लगता है कि गुलेन ने इस तख्तापलट का प्रयास किया।”

उन्होंने कहा, “लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि सेना के भीतर किसने इसे अंजाम दिया। मेरे पास कोई सूचना नहीं है।”

उन्होंने सोमवार शाम को बीबीसी के साथ साक्षात्कार में कहा कि गुलेन ने तख्तापलट का प्रयास किया। उन्होंने सरकार से तख्तापलट में उनकी संलिप्तता के साक्ष्य पेश करने का आग्रह किया।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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