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हेल्थ

ICMR का टेस्ट सफल, अब एक इंजेक्शन से परिवार नियोजन; लेकिन लगवाना पड़ेगा पुरुषों को

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first male contraceptive injection risug icmr test successful

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नई दिल्ली। महिलाओं के लिए परिवार नियोजन के कई तरह के उपाय उपलब्ध हैं। अब पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक इंजेक्शन आ गया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)  का तीन सौ से ज्यादा लोगों पर टेस्ट सफल रहा है। इसमें कोई गंभीर साइड-इफेक्ट भी नहीं पता चला है। 99 प्रतिशत केस में प्रेग्नेंसी रोकी जा सकी है। महिला को भी साइड इफेक्ट नहीं हुआ।

पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन अब सपना नहीं रहा। अब यह हकीकत बन चुका है। इस दिशा में किया गया ICMR का पहला गर्भनिरोधक टेस्ट सफल रहा है। कुल 303 स्वस्थ पुरुष वॉलंटियरों पर 7 साल तक यह प्रयोग चला।

इस स्टडी में पता चला कि गैर-हार्मोनल इंजेक्शन वाले पुरुष गर्भनिरोधक (RISUG-रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस) पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। यह लंबे समय तक काम करता है। अंतरराष्ट्रीय ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी में स्टडी के तीसरे चरण के निष्कर्ष को प्रकाशित किया गया है।

इसके मुताबिक 303 स्वस्थ, सेक्सुअली ऐक्टिव और विवाहित पुरुषों (25-40 वर्ष की आयु) को परिवार नियोजन उपाय के लिए चुना गया और 60 मिलीग्राम आरआईएसयूजी वाला इंजेक्शन दिया गया। खास बात यह है कि RISUG से बिना किसी गंभीर साइड-इफेक्ट के 99 प्रतिशत प्रेग्नेंसी रोकी जा सकती है।

कैसे प्रेग्नेंसी रोकता है एक इंजेक्शन

पहले जान लीजिए कि स्टडी बताती है RISUG ने 97.3% एजोस्पर्मिया हासिल किया। यह एक मेडिकल टर्म है जो बताता है कि सीमेन में कोई एक्टिव शुक्राणु मौजूद नहीं है।

वालंटियरों की पत्नियों के हेल्थ की भी निगरानी की गई और पाया गया कि किसी तरह का प्रतिकूल प्रभाव नहीं था। ​

RISUG को स्पर्म डक्ट (हर टेस्टिकल में vas deferens या स्पर्म डक्ट होता है) में इंजेक्ट किया जाता है। यहीं से पेनिस तक स्पर्म आता है।

इंजेक्शन वाली जगह पर लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है। RISUG को एक के बाद एक स्पर्म डक्ट्स में इंजेक्ट किया जाता है।

एक बार इंजेक्शन लगने के बाद काफी चार्ज्ड पॉलिमर स्पर्म डक्ट की आंतरिक वॉल में चिपक जाते हैं। जब पॉलिमर निगेटिव चार्ज्ड स्पर्म के संपर्क में आता है तो यह उसे नष्ट कर देता है। इससे अंडे फर्टिलाइज करने में वह सक्षम नहीं रह जाता।

13 साल तक काम करेगा

यह कान्ट्रासेप्टिव 13 साल तक काम कर सकता है। कोई भी फार्मा कंपनी इस तरह का प्रोडक्ट बेचना नहीं चाहती जो इतने ज्यादा समय तक इफेक्टिव रहे। ऐसे में इसे बाजार में लाने से पहले की प्रक्रिया भी चुनौतीपूर्ण रह सकती है।

स्पर्म डक्ट से स्पर्म सेल्स टेस्टिकल से पेनिस तक पहुंचता है। RISUG को IIT खड़गपुर के डॉ. सुजॉय कुमार गुहा ने विकसित किया। उन्होंने RISUG पर पहला साइंटिफिक पेपर 1979 में प्रकाशित किया था।

इस कान्ट्रासेप्टिव के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने में चार दशक से ज्यादा वक्त लगा। अस्पताल आधारित स्टडी पांच केंद्रों पर की गई। इसमें जयपुर, नई दिल्ली, उधमपुर, खड़गपुर और लुधियाना शामिल हैं।

इस स्टडी के अन्य लेखक डॉ. आरएस शर्मा ने कहा कि आखिरकार हम दो मुख्य चिंताओं को दूर करने में सफल रहे हैं- 1. कितने लंबे समय तक यह कान्ट्रासेप्टिव प्रभावी रहेगा? 2. जो लोग कान्ट्रासेप्टिव यूज करते हैं उनके लिए कितना सेफ है?

डॉ. शर्मा ने इस कान्ट्रासेप्टिव पर 20 साल तक स्टडी की है। आईसीएमआर में उनका कार्यकाल 2022 में पूरा हो गया। अगर पुरुषों को बुखार, जलन या यूरिन में इन्फेक्शन जैसी कोई परेशानी होती भी है तो वह दूर हो सकती है।

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लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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