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फारुक अब्दुल्ला नहीं बनेंगे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, वापस लिया नाम

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नई दिल्‍ली। नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्‍दुल्‍ला ने संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में विचार के लिए अपना नाम वापस ले लिया है।

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने में अनिच्‍छा जताई थी। हालांकि कुछ विपक्षी दलों की ओर से उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया गया था।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा- मैं राष्ट्रपति पद के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम विचार से वापस लेता हूं। मेरा मानना ​​है कि जम्मू-कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है। ऐसे अनिश्चित समय में राज्‍य के लोगों की बात रखने में मदद के लिए मेरे प्रयासों की जरूरत है।

फारुक अब्‍दुल्‍ला ने यह भी कहा कि मैं अभी सक्रिय राजनीति में सक्रिय हूं। मैं जम्मू-कश्मीर और देश की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तत्पर हूं। मैं अपना नाम प्रस्तावित करने के लिए ममता दीदी का आभारी हूं। मैं उन सभी वरिष्ठ नेताओं का भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया।

उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की ओर से भी बयान जारी कर कहा गया था कि शरद पवार भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं हैं।

अभी तक सत्‍ता पक्ष और विपक्ष की ओर से उम्‍मीदवारों का नाम सामने नहीं आया है। अब विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त प्रत्याशी का चयन करने और उस पर एकराय बनाने के लिए 21 जून को बैठक होने वाली है।

सूत्रों की मानें तो यह बैठक राकांपा प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता में होगी जिसमें 17 दल शामिल होंगे। बीते बुधवार को भी इस मसले पर बैठक हुई थी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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